नयी दिल्ली, 18 सितंबर (एजेंसी)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को संसद के विशेष सत्र के पहले दिन पूर्व प्रधानमंत्रियों जवाहरलाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री, पीवी नरसिम्हा राव, अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह समेत अनेक नेताओं के देश के निर्माण में योगदान की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि पिछले 75 वर्ष में भारतीय लोकतंत्र की सबसे बड़ी उपलब्धि यह रही कि जनमानस का संसद पर विश्वास बढ़ता गया।
पुराने संसद भवन में कार्यवाही के अंतिम दिन ‘संविधान सभा से अब तक 75 वर्षों की संसदीय यात्रा- उपलब्धियां, अनुभव, स्मृतियां और सीख’ विषय पर लोकसभा में अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘पंडित नेहरू, शास्त्री जी, अटल जी, मनमोहन सिंह जी तक देश का नेतृत्व करने वालों की बड़ी संख्या रही है। उन्होंने सदन के माध्यम से देश को दिशा दी है। देश को नये रंग रूप में ढालने का काम किया है। आज उनके गौरवगान का अवसर है।’ मोदी ने कहा कि राम मनोहर लोहिया, चंद्रशेखर, लालकृष्ण आडवाणी जैसे नेताओं ने सदन की चर्चाओं को समृद्ध किया।
प्रेरित करती रहेगी ‘ए स्ट्रोक ऑफ मिडनाइट’ की गूंज
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, यह वो सदन है जहां पंडित नेहरू के ‘ए स्ट्रोक ऑफ मिडनाइट’ भाषण की गूंज हम सभी को प्रेरित करती रहेगी। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी ने इसी सदन में कहा था कि सरकारें आएंगी-जाएंगी, पार्टियां बनेंगी-बिगड़ेंगी, लेकिन यह देश रहना चाहिए। पंडित नेहरू के प्रारंभिक मंत्रिपरिषद में मंत्री के रूप में डॉ. भीमराम अंबेडकर दुनिया की सर्वश्रेष्ठ प्रक्रियाएं भारत में लाने में जोर देते थे और इसका परिणाम देश को आज भी लाभ के रूप में मिल रहा है। अंबेडकर ने नेहरू सरकार में ‘जल नीति’ दी थी, तो शास्त्री ने ‘हरित क्रांति’ की नींव रखी थी, चौधरी चरण सिंह ने ग्रामीण विकास मंत्रालय का गठन किया तो नरसिम्हा राव की सरकार ने पुरानी आर्थिक नीतियों को छोड़कर नयी आर्थिक नीतियों को अपनाने का साहस किया था। उन्होंने कहा कि इसी सदन के सामर्थ्य से वाजपेयी ने सर्वशिक्षा अभियान शुरू किया और आदिवासी कार्य मंत्रालय तथा पूर्वोत्तर विकास मंत्रालय के सृजन जैसे निर्णय लिये। वाजपेयी ने परमाणु परीक्षण करके दुनिया को देश की ताकत भी दिखाई। मोदी ने कहा कि लेकिन इसी सदन में मनमोहन सिंह की सरकार के समय देश ने ‘नोट के बदले वोट’ कांड को भी देखा। प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी सरकार के समय हुए कुछ निर्णय गिनाते हुए कहा कि ‘सबका साथ, सबका विकास’ के मंत्र के साथ इस सदन में अनेक ऐतिहासिक निर्णय हुए और दशकों से लंबित विषयों का स्थायी समाधान भी इसी सदन में हुआ। उन्होंने अनुच्छेद 370 की समाप्ति, जीएसटी, वन रैंक वन पेंशन, गरीबों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण जैसे फैसले गिनाए।
प्रधानमंत्री मोदी ने डॉ. राजेंद्र प्रसाद से लेकर डॉ. अब्दुल कलाम, रामनाथ कोविंद और वर्तमान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू तथा लोकसभा के प्रथम अध्यक्ष जीवी मावलंकर से लेकर सुमित्रा महाजन और अब ओम बिरला तक सभी अध्यक्षों का जिक्र करते हुए कहा, मैं उन सभी का वंदन, अभिनंदन करता हूं।
भारत बना विश्व मित्र
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज दुनिया में चारों तरफ भारतवासियों की उपलब्धियों की चर्चा गौरव के साथ हो रही है। देश के 75 साल के संसदीय इतिहास में सामूहिक प्रयास के परिणाम की गूंज विश्व में सुनाई दे रही है। जी20 की सफलता कोे 140 करोड़ देशवासियों की उपलब्धि बताते हुए मोदी ने कहा कि इसी कारण से आज भारत ‘विश्वमित्र’ के रूप में जगह बना पाया है। पूरी दुनिया भारत में अपना मित्र खोज रही है।
महिला आरक्षण विधेयक को कैबिनेट की मंजूरी
केंद्रीय राज्य मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने सोमवार को कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने महिला आरक्षण विधेयक को मंजूरी दे दी है। संसद के विशेष सत्र के पहले दिन की कार्यवाही के बाद शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई। प्रह्लाद सिंह ने देर रात ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘सिर्फ मोदी सरकार के पास महिला आरक्षण की मांग को पूरा करने का नैतिक साहस है, जो मंत्रिमंडल की मंजूरी से साबित हो गया है। नरेंद्र मोदी जी को बधाई और मोदी सरकार को बधाई।’ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, ‘कांग्रेस पार्टी लंबे समय से महिला आरक्षण को लागू करने की मांग कर रही है। हम कथित तौर पर सामने आ रहे केंद्रीय मंत्रिमंडल के फैसले का स्वागत करते हैं और विधेयक के विवरण की प्रतीक्षा कर रहे हैं।’ सूत्रों ने कहा कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति से संबंधित विधेयक काे सरकार इस सत्र में पेश न करने पर विचार कर रही है।
विपक्ष को भी साथ लेकर चलते थे नेहरू : खड़गे
विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भारतीय लोकतंत्र में पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के योगदान को याद करते हुए कहा कि उनका दृष्टिकोण समावेशी था, क्योंकि वह विपक्ष को साथ लेकर चलते थे और उन्होंने संविधान की नींव रखी थी। राज्यसभा में चर्चा में भाग लेते हुए खड़गे ने देश में बेरोजगारी और मणिपुर में जातीय हिंसा के मुद्दों को लेकर भाजपा नीत सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने सरकार से पूछा कि संसदीय कार्यवाही को नये भवन में स्थानांतरित करने से क्या बदलने वाला है? उन्होंने कहा, ‘बदलना है तो अब हालात बदलो, ऐसे नाम बदलने से क्या होता है? युवाओं को रोजगार दो, सबको बेरोजगार करके क्या होता है?’