नयी दिल्ली, 3 नवंबर (एजेंसी)
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाले सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की ओर से उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के रूप में नियुक्ति के लिए पुन: सिफारिश करते हुए भेजे गये नामों पर कोई प्रगति नहीं हुई है। जबकि, जस्टिस चंद्रचूड़ 10 नवंबर को प्रधान न्यायाधीश के पद से सेवानिवृत्त होने वाले हैं।
कॉलेजियम ने जनवरी 2023 में अधिवक्ता सौरभ किरपाल को दिल्ली हाईकोर्ट, आर जॉन सत्यन को मद्रास हाईकोर्ट तथा अमितेश बनर्जी और शाक्य सेन को कलकत्ता हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत करने के लिए पुन: सिफारिश की थी। न्यायाधीशों की नियुक्ति प्रक्रिया से अवगत लोगों ने बताया कि किरपाल, सत्यन, बनर्जी और सेन से संबंधित फाइलें अभी भी सरकार के पास लंबित हैं। जनवरी 2023 में, कॉलेजियम ने दूसरी बार बनर्जी और सेन के नामों को कलकत्ता हाईकोर्ट के न्यायाधीशों के रूप में ‘शीघ्र’ नियुक्ति के लिए पुन: सिफारिश करते हुए कहा था कि एक ही प्रस्ताव को बार-बार वापस भेजने का विकल्प सरकार के पास नहीं है। अधिवक्ता बनर्जी सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश यूसी बनर्जी के पुत्र हैं, जिन्होंने 2006 में उस आयोग का नेतृत्व किया था, जिसने गोधरा में 2002 में हुई साबरमती एक्सप्रेस अग्निकांड में साजिश के पहलू को खारिज कर दिया था। अधिवक्ता सेन, न्यायमूर्ति श्यामल सेन के पुत्र हैं, जिन्हें फरवरी 1986 में कलकत्ता हाईकोर्ट के स्थायी न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था और बाद में वे इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बने। जस्टिस सेन ने मई 1999 से दिसंबर 1999 तक पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप में भी सेवा दी थी। जस्टिस चंद्रचूड़ के चीफ जस्टिस पद से सेवानिवृत्त होने के एक दिन बाद 11 नवंबर को जस्टिस संजीव खन्ना अगले प्रधान न्यायाधीश के रूप में कार्यभार संभालेंगे। उनका कार्यकाल छह महीने से थोड़ा अधिक होगा।