समान लतीफ
श्रीनगर, 4 जून
टारगेट हत्याओं के बाद घाटी छोड़ रहे कश्मीरी पंडितों का कहना है कि उन्हें कश्मीर में ही पोस्टिंग के लिए बाध्य करने वाला बॉन्ड सरकार द्वारा खत्म किये जाने तक वह ड्यूटी पर नहीं लौटेंगे। ऐसे में घाटी से पंडिताें के सामूहिक पलायन ने सरकार के सामने कर्मचारियों को जम्मू में एडजस्ट करने की बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है।
प्रवासी कर्मचारी विकास हंगलू ने कहा, ‘जब तक सरकार हमें कश्मीर के बाहर सुरक्षित स्थान पर नहीं भेज देती और घाटी में हमारी पोस्टिंग अनिवार्य बनाने वाले असंवैधानिक बॉन्ड को खत्म नहीं करती, तब तक हम अपनी ड्यूटी जॉइन नहीं करेंगे। हमें बलि के बकरे की तरह इस्तेमाल किया गया, जम्मू-कश्मीर प्रशासन द्वारा हमारा शोषण हो रहा है।’
गौर हो कि प्रवासियों के लिए पीएम की विशेष रोजगार योजना के तहत कर्मचारियों को एक बॉन्ड पर दस्तखत करने पड़ते हैं कि वे कश्मीर के बाहर ट्रांसफर नहीं मांगेंगे। इसके अनुसार घाटी छोड़ने पर इन कर्मचारियों की सेवा खत्म हो जाएगी। इस योजना के तहत साल 2010 से 4500 से ज्यादा कर्मचारियों को कश्मीर में नियुक्त किया गया है।
ट्रांसफर सूची सार्वजनिक, कार्रवाई की मांग
श्रीनगर (एजेंसी) : भाजपा ने कश्मीरी पंडित कर्मचारियों की स्थानांतरण सूची सार्वजनिक होने पर शनिवार को कड़ी आपत्ति जतायी और इसके लिये जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए इसे सुरक्षा में सेंध करार दिया।
म्यूटेशन पर जोर दिये बिना कश्मीरियों को दें प्लॉट : हाईकोर्ट
सौरभ मलिक/ ट्रिन्यू (चंडीगढ़) : हरियाणा में कश्मीरी पंडितों को प्लॉट अलाॅट करने के मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने निर्देश दिया है कि राजस्व रिकॉर्ड और सेटलमेंट डीड में म्यूटेशन एंट्री पर जोर दिये बिना ही उन्हें कब्जा दिया जाये। जस्टिस अनमोल रतन सिंह और जस्टिस ललित बतरा की बेंच ने रूप कृष्ण कौल एवं अन्य की याचिका पर यह निर्देश दिया। सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि कश्मीरी पंडितों ने बहादुरगढ़ में 10 एकड़ जमीन पर विभिन्न आकार के प्लॉट खरीदे थे, लेकिन यह भूमि अधिग्रहण प्रकिया का हिस्सा बन गयी। हालांकि, यह पूरा नहीं हुआ और रिलीज करने के निर्देश दिए गये थे। लेकिन, इस जमीन का इस्तेमाल एचएसवीपी कर रही थी, इसलिए कश्मीरी पंडितों को अन्य 12 एकड़ जमीन अलॉट करने के निर्देश दिए गये। लेकिन, म्यूटेशन संबंधी मुद्दों के कारण यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी।