नयी दिल्ली, 15 जनवरी (एजेंसी)
सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने चीन को स्पष्ट संदेश देते हुए शुक्रवार को कहा कि किसी को भारतीय सेना के धैर्य की परीक्षा लेने की गलती नहीं करनी चाहिए, हालांकि वह उत्तरी मोर्चे पर जारी सीमा गतिरोध को बातचीत और राजनीतिक उपायों से हल करने को प्रतिबद्ध हैं। जनरल नरवणे ने ‘सेना दिवस परेड’ के मौके पर कहा कि सीमा पर एकतरफा बदलाव की साजिश का मुंह तोड़ जवाब दिया गया है और पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। नरवणे ने कहा, ‘भारतीय सेना देश की अखंडता एवं सुरक्षा को कोई आंच नहीं आने देगी।’ हम आपसी और समान सुरक्षा के आधार पर वर्तमान स्थिति का समाधान खोजना जारी रखेंगे। पाकिस्तान की ओर से सीमा पार आतंकवाद का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि नियंत्रण रेखा पर मौजूद शिविरों में 300 से 400 आतंकवादी घुसपैठ को तैयार हैं।
पहली बार ड्रोन हमलों का प्रदर्शन
नयी दिल्ली (एजेंसी) : दिल्ली के करियप्पा मैदान में शुक्रवार को सैन्य दिवस परेड के दौरान भारतीय सेना के ड्रोनों ने ‘कामिकाजी’ हमलों और प्राथमिक उपचार आपूर्ति अभियानों का अभ्यास किया। कामिकाजी हमलों के दौरान दुश्मन के ठिकानों विशेषकर जहाजों में घुसकर आत्मघाती हमला किया जाता है। परेड में पहली बार ये ड्रोन पेश किये गए हैं। इसके अलावा इसमें उन्नत विमान रोधी हथियार प्रणाली ‘शिल्का’, ब्रह्मोस मिसाइल प्रणाली, पैदल सेना के युद्धक वाहन बीएमपी-2, टी-72 टैंक तथा एक साथ कई रॉकेट लांच करने वाली पिनाका प्रणाली का भी प्रदर्शन किया गया। थल सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने कार्यक्रम में वीरता पुरस्कार तथा प्रशस्ति-पत्र प्रदान किये।