प्रयागराज, 1 मई (एजेंसी)
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अदालती आदेश की अवमानना मामले में मथुरा के जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है। अदालत ने पुलिस को मामले की अगली सुनवाई पर चहल को उसके समक्ष पेश करने का निर्देश दिया है। बृजमोहन शर्मा और तीन अन्य लोगों द्वारा दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस सरल श्रीवास्तव ने कहा, ‘मथुरा के जिलाधिकारी द्वारा 18 अप्रैल, 2022 को पारित आदेश कुछ और नहीं, बल्कि उनका तिरस्कारपूर्ण कृत्य है, क्योंकि यह विश्वास नहीं किया जा सकता कि ऐसा अधिकारी इस अदालत की ओर से पारित आदेश की भाषा और मंशा नहीं समझ सका हो।’
उल्लेखनीय है कि अदालत ने 6 सितंबर, 2021 को 22 जुलाई, 2016 के उस आदेश को रद्द कर दिया था, जिसमें प्रतिवादियों ने आवेदकों को पेंशन का भुगतान इस आधार पर मना कर दिया था कि नियमित होने से पूर्व की उनकी सेवाओं को पात्रता सेवा के तौर पर नहीं गिना जाएगा, जिससे वे पुरानी पेंशन योजना का लाभ पा सकें। अदालत ने 6 सितंबर, 2021 के अपने आदेश में कहा था कि बहुत लंबे समय तक दी गई सेवाओं को सेवा पात्रता की गणना करते समय नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। अदालत ने आवेदकों द्वारा 1996 से दी गई सेवाओं की गणना कर पेंशन भुगतान का निर्देश दिया था।