नयी दिल्ली, 16 मार्च (एजेंसी)
पांच राज्यों में कांग्रेस की करारी हार के बाद जहां पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के खेमे में हल-चल मची हुई है वहीं तथाकथित जी 23 समूह में आजादी के लिए पंख फिर फड़फड़ाने लगे हैं। एक ओर जहां पार्टी हाईकमान द्वारा कथित पार्टी विद्रोहियों को कड़ी चेतावनी दी जा रही है। वहीं दूसरी ओर समूह के नेता गुलाम नबी आजाद के निवास पर एकत्रित होकर कांग्रेस को परिवार के पिंजरे से आजाद करने की रणनीति बनाने में जुटे हैं।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया कि कांग्रेस कार्य समिति की बैठक के बाद भी ‘जी 23′ समूह के नेता बार-बार बैठकें करके पार्टी को तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। खड़गे ने कहा, ‘उन्हें 100 बैठकें करने दीजिए। सोनिया गांधी जी को कोई कमजोर नहीं कर सकता। कांग्रेस पार्टी पूरी तरह उनके साथ है। ये लोग बैठकें करते रहेंगे।’
सिब्बल के खिलाफ कार्रवाई की मांग : कांग्रेस की चांदनी चौक जिला इकाई ने बुधवार को एक प्रस्ताव पारित कर पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से कथित रूप से पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के लिए वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का अनुरोध किया। सिब्बल चांदनी चौक क्षेत्र से पूर्व सांसद हैं। जिला कांग्रेस अध्यक्ष जावेद मिर्जा ने इस आशय का प्रस्ताव पढ़ा।
सिद्धू का पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा
चंडीगढ़ (ट्रिन्यू) : कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने पार्टी की पंजाब इकाई के प्रदेश अध्यक्ष पद से बुधवार को इस्तीफा दे दिया। सिद्धू ने ट्वीट किया, ‘जैसा कि कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा था, मैंने अपना इस्तीफा दे दिया है।’ उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजे अपने त्यागपत्र में लिखा, ‘मैं अध्यक्ष के पद से इस्तीफा देता हूं।’ कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कल 5 राज्यों में हुए हालिया विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की शिकस्त के मद्देनजर चुनावी राज्यों के पार्टी अध्यक्षों से इस्तीफा देने को कहा था। सिद्धू को अध्यक्ष बनाये जाने के पीछे प्रियंका गांधी का हाथ होने की चर्चा चलती रही।
आज़ाद की चौसर पर ‘जी 23’ की गोटियां
कांग्रेस के ‘जी 23′ समूह के नेताओं ने बुधवार को बैठक कर पार्टी की वर्तमान स्थिति और आगे की रणनीति पर चर्चा की। राज्यसभा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद के आवास पर हुई एक बैठक में कपिल सिब्बल, आनंद शर्मा, मनीष तिवारी, शशि थरूर और कई अन्य नेता शामिल हुए। सूत्रों का कहना है कि ‘जी 23′ के नेताओं ने कई ऐसे नेताओं को भी न्यौता दिया था जो इस समूह का हिस्सा नहीं हैं, लेकिन पार्टी के भीतर बदलाव चाहते हैं। कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं के इस समूह ने अपनी सक्रियता उस वक्त बढ़ाई है जब पार्टी को हालिया विधानसभा चुनावों में करारी हार का सामना करना पड़ा है।