नयी दिल्ली (एजेंसी) : सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 370 को निरस्त किये जाने को लेकर दिये गये बयान पर नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला के खिलाफ कार्रवाई के अनुरोध वाली एक जनहित याचिका बुधवार को खारिज कर दी। न्यायालय ने कहा कि सरकार की राय से अलग विचारों की अभिव्यक्ति को राजद्रोह नहीं कहा जा सकता है। जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस हेमंत गुप्ता की एक पीठ ने याचिका को खारिज कर दिया और याचिकाकर्ताओं पर 50 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया। याचिका में अब्दुल्ला के एक बयान का उल्लेख करके कहा गया था कि यह राजद्रोह की कार्रवाई है।