नयी दिल्ली, 10 सितंबर (एजेंसी)
सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को एक जनहित याचिका दायर कर भारत में ‘ओवर द टॉप’ (ओटीटी) और अन्य प्लेटफॉर्म पर विषय सामग्री की निगरानी व नियमन के लिए एक स्वायत्त इकाई गठित करने के सिलसिले में केंद्र को निर्देश देने का अनुरोध किया गया।
जनहित याचिका (पीआईएल) में ‘नेटफ्लिक्स’ पर प्रसारित की जा रही वेब शृंखला ‘आईसी 814: द कंधार हाईजैक’ का भी उल्लेख किया गया है, ताकि एक नियामक तंत्र की आवश्यकता को रेखांकित किया जा सके क्योंकि ‘ओटीटी प्लेटफॉर्म’ का दावा है कि यह (कार्यक्रम) वास्तविक जीवन की घटनाओं पर आधारित है। वकील शशांक शेखर झा और अपूर्वा अरहतिया द्वारा दायर याचिका में कहा गया कि आईसी 814 की त्रासदी को एक हास्यास्पद कहानी में बदल कर कपटपूर्ण एजेंडे को बढ़ावा देने का प्रयास किया गया है, जिसका उद्देश्य आतंकवाद की क्रूरता पर परदा डालना और हिंदू समुदाय को बदनाम करना है। इसमें कहा गया है कि एक वैधानिक फिल्म प्रमाणन संस्था – केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड पहले से मौजूद है, जिसे सिनेमैटोग्राफ अधिनियम के तहत फिल्मों के सार्वजनिक प्रदर्शन को विनियमित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। याचिका में कहा गया कि ओटीटी सामग्री की निगरानी/विनियमन के लिए ऐसी कोई संस्था उपलब्ध नहीं है और उनके लिए केवल स्व-नियमन का दिशानिर्देश है, जिसका उपयुक्त अनुपालन नहीं किया जाता। याचिकाकर्ताओं ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, महिला एवं बाल विकास, रक्षा मंत्रालय तथा भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण को याचिका में पक्षकार बनाया है।