बाल्मिकीनगर (बिहार), 28 अक्तूबर (एजेंसी)
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि अपने भाषणों में वह दूसरे देशों की बात करते हैं लेकिन अपने देश के समक्ष पेश आ रही बेरोजगारी जैसी समस्याओं पर कुछ नहीं बोलते। अपने दूसरे चरण के चुनाव प्रचार अभियान के तहत पश्चिमी चंपारण के बाल्मिकीनगर में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने बेरोजगारी और पलायन के मुद्दे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी घेरा। राहुल गांधी ने हाल ही में बने कृषि कानूनों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि आमतौर पर दशहरे में रावण, कुंभकर्ण, मेघनाद के पुतले जलाए जाते हैं, लेकिन पंजाब में इस बार प्रधानमंत्री और अंबानी, अडाणी के पुतले जलाए गए। उन्होंने कहा कि इस बार पूरे पंजाब में दशहरे पर रावण नहीं, नरेंद्र मोदी, अंबानी और अडाणी का पुतला जलाया गया। राहुल ने कहा, ‘ये दुख की बात है, लेकिन ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि किसान परेशान हैं।’ उन्होंने केंद्र एवं बिहार सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आज गन्ना किसान सहित हर किसान समझता है कि चाहे वह कुछ कर ले, उसे उत्पाद का उचित मूल्य नहीं मिल सकता। पलायन का मुद्दा उठाते हुए उन्होंने कहा कि यहां के लोग अपने प्यारे प्रदेश को छोड़कर जाने को मजबूर हैं, ये लोग बेंगलूर, दिल्ली, मुम्बई जाते हैं लेकिन अपनी खुशी से नहीं जाते हैं। उन्होंने कहा कि यहां के लोग प्रदेश छोड़कर जाने को मजबूर हैं क्योंकि बिहार को नष्ट कर दिया गया है। राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा पर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने दो करोड़ रोजगार की बात कही थी लेकिन क्या रोजगार मिला? राहुल ने कहा कि अब अगर प्रधानमंत्री मोदी यहां आकर दो करोड़ रोजगार की बात बोल दें तो शायद भीड़ उन्हें भगा देगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री हर तरह की बात करते हैं, दूसरे देशों की बात करते हैं लेकिन देश की सबसे बड़ी समस्या, बेरोजगाी के बारे में बात नहीं करते। राहुल गांधी ने रोजगार का मुद्दा उठाते हुए कहा कि बिहार के लोगों को दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, बेंगलुरु में रोजगार मिलता है लेकिन बिहार में नहीं मिलता और यह नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी की कमी है।
‘लॉकडाउन के दौरान मजदूरों को पैदल दौड़ाया गया’
लॉकडाउन के दौरान पैदल चलकर बिहार लौटे मजदूरों के मुद्दे को उठाते हुए राहुल गांधी ने कहा कि मजदूरों के लिए प्रधानमंत्री ने कोई इंतजाम नहीं किया गया, मजदूरों को पैदल दौड़ाया गया। उन्होंने कहा, ‘‘ मैंने मजदूरों से मुलाकात की, उन्होंने बताया कि हमें दो तीन दिन दे देते तो घर चले जाते।” कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने अपने संबोधन के दौरान नोटबंदी और लॉकडाउन का मुद्दा उठाया और कहा कि इसके कारण किसानों, मजदूरों, छोटे व्यापारियों, कारोबारियों और दुकानदारों के धंधे को नष्ट कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि नोटबंदी के कारण गरीबों की जेब से पैसे निकाल लिये गए लेकिन अंबानी और अडाणी जैसे उद्योगपतियों की जेब से नहीं।
राहुल ने पुकारा ‘दीपक गुप्ता’ का नाम
कांग्रेस नेता ने रैली में आए लोगों से कहा कि कुछ साल पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहां आए थे और कहा था कि ये गन्ने का इलाका है, चीनी मिल चालू करूंगा और अगली बार आऊंगा तो यहां की चीनी चाय में मिलाकर पिऊंगा। चाय पी क्या आपके साथ? उन्होंने रैली में मौजूद दीपक गुप्ता नाम के एक युवक का नाम लेते हुए कहा कि मोदी जी ने दीपक गुप्ता को नौकरी से निकाल दिया । राहुल ने दीपक से पूछा- आप दिल्ली में क्या काम करते थे, जवाब आया कि मेट्रो में। इस पर राहुल ने कहा कि बिहार मेट्रो में दीपक को इसलिए काम नहीं मिला, क्योंकि यहां मेट्रो ही नहीं है।