नयी दिल्ली, 14 जून (एजेंसी
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट से संबंधित एक जमीन सौदे में लगे भ्रष्टाचार के आरोप को लेकर कांग्रेस ने सोमवार को सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस ‘घोटाले’ पर जवाब मांगा और कहा कि सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में इसकी जांच होनी चाहिए। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने सुप्रीम कोर्ट से भी आग्रह भी किया कि वह मंदिर निर्माण के चंदे के रूप में प्राप्त राशि व खर्च का न्यायालय के तत्वावधान में ऑडिट करवाए तथा चंदे से खरीदी गई सारी जमीन की कीमत को लेकर भी जांच करे।
सुरजेवाला ने दावा किया, ‘जमीन की रजिस्ट्री के दोनों कागजों पर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी अनिल मिश्रा गवाह के तौर पर मौजूद हैं। दोनों कागजों पर दूसरे गवाह भाजपा के प्रमुख नेता और अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय हैं। इसका मतलब साफ है कि 2 करोड़ रुपये मूल्य की जमीन 5 मिनट में 18.5 करोड़ रुपये में खरीदने के निर्णय की राममंदिर निर्माण ट्रस्ट के न्यासियों को पूरी जानकारी थी।’ उन्होंने कहा कि तथ्यों से साफ है कि करोड़ों लोगों द्वारा राम मंदिर निर्माण के लिए दी गई दान राशि में घोटाला हुआ है, लेकिन प्रधानमंत्री पूरी तरह से चुप हैं। प्रधानमंत्री को इसका जवाब देना चाहिए कि क्या भगवान राम की आस्था का सौदा करने वाले पापियों को मोदी जी का संरक्षण प्राप्त है?
भाजपा की पूर्व सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने भी मांग की कि कथित घोटाले की सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय से जांच कराई जानी चाहिए।
क्या है केस
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने रविवार को लखनऊ में दावा किया था कि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने संस्था के सदस्य अनिल मिश्रा की मदद से 2 करोड़ रुपए कीमत की जमीन 18 करोड़ रुपए में खरीदी। उन्होंने कहा था कि यह सीधे-सीधे धन शोधन का मामला है। उधर चंपत राय ने इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि वह इस तरह के आरोपों से नहीं डरते तथा इन आरोपों का अध्ययन करेंगे। यूपी के डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने कहा कि विपक्ष ने अनर्गल प्रलाप शुरू किया है और वे राम जन्मभूमि को बदनाम करने का कोई मौका छोड़ने से पीछे नही हटते हैं।