नयी दिल्ली, 17 दिसंबर (एजेंसी)
देश में अब से सभी निजी सुरक्षा कर्मियों को भीड़ प्रबंधन, अग्निशमन और आईईडी विस्फोटक की पहचान करने के लिए कम से कम 20 दिन का प्रत्यक्ष प्रशिक्षण लेना होगा जबकि निजी सुरक्षा कर्मी मुहैया कराने वाली एजेंसियों के मालिक को आतंरिक सुरक्षा और आपदा प्रबंधन जैसे विषयों पर 6 दिन के प्रशिक्षण से गुजरना होगा। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा नए नियमों को जारी करने के साथ तत्काल प्रभाव से ये दिशानिर्देश लागू हो गए हैं। अधिसूचना में स्पष्ट किया गया है कि निजी सुरक्षा एजेंसी का लाइसेंस तुरंत निरस्त करने की कार्रवाई सरकार शुरू करेगी अगर एजेंसी बनाने वाले के खिलाफ कोई आपराधिक मामला होता है या ऐसे निजी सुरक्षा कर्मी या निरीक्षक को नौकरी पर रखा जाता है जिसके खिलाफ आपराधिक मामले हैं। मंत्रालय ने कहा कि एजेंसी को निजी सुरक्षा कर्मी या निरीक्षक के चरित्र को प्रमाणित करना होगा और यह प्रक्रिया अपराधा और अपराधी संबंधी इलेक्ट्रॉनिक डाटा बेस जैसे क्राइम ऐंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क ऐंड सिस्टम (सीसीटीएनएस), इंट्रोपेरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम (आईसीजेएस) और पुलिस द्वारा की जा सकती है। गृह मंत्रालय ने कहा कि निजी सुरक्षा कर्मी के लिए प्रवेश स्तर के प्रशिक्षण के तहत कम से कम 100 घंटे का कक्षा आधारित पाठ और 60 घंटे का क्षेत्र प्रशिक्षण होना चाहिए और पूरा प्रशिक्षण कार्यक्रम कम से कम 20 दिन में संपन्न कराया जाना चाहिए। अधिसूचना के मुताबिक पूर्व सैन्य कर्मियों और पुलिस कर्मियों के लिए 40 घंटे का कक्षा अधारित और 16 घंटे का क्षेत्र आधारित प्रशिक्षण सुनिश्चित करना चाहिए और यह प्रशिक्षण कम से कम सात कार्य दिवसों में दिया जाना चाहिए। गौरतलब है कि केंद्रीय गृहमंत्री ने पिछले साल कहा था कि देश में करीब 90 लाख निजी सुरक्षा कर्मी है जबकि देश में पुलिस कर्मियों और अर्धसैनिकों की कुल संख्या महज 30 लाख के करीब है।