नयी दिल्ली, 3 अप्रैल (एजेंसी)
आयुर्वेद चिकित्सा में स्नातक डिग्री पाठ्यक्रम के छात्रों को अब क्वांटम मैकेनिक्स, सामान्य सर्जरी, योग और जीवनशैली प्रबंधन जैसे विषय पढ़ाये जाएंगे। साथ ही, छात्रों को रोबोटिक्स और कृत्रिम बुद्धिमता के उपयोग की बुनियादी जानकारी भी दी जायेगी। भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग (एनसीआईएसएम) के अध्यक्ष डा. जयंत यशवंत देवपुजारी ने बताया, ‘आयोग ने हाल में अधिसूचना जारी कर स्नातक आयुर्वेद शिक्षा के न्यूनतम मानक तय किए हैं। इसके तहत आयुर्वेदिक औषधि एवं सर्जरी में स्नातक कोर्स का खाका तैयार किया गया है।’ उन्होंने बताया कि आयुर्वेद चिकित्सा में स्नातक डिग्री कोर्स के तहत प्रथम व्यावसायिक पाठ्यक्रम बीएएमएस में पदार्थ विज्ञान विषय में क्वांटम मैकेनिक्स को शामिल किया गया है। क्वांटम मैकेनिक्स भौतिकी का उपखंड है। इस विषय को आयुर्वेद में शामिल किये जाने के बारे में पूछे जाने पर देवपुजारी ने कहा, ‘पदार्थ विज्ञान के तहत क्वांटम मैकेनिक्स शामिल किया गया है। इसका प्रैक्टिकल उपयोग है, यह दर्शन नहीं है। आयुर्वेद में सैकड़ों वर्षों से इसका उल्लेख है। ऐसे में इस पर किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए।’
एनसीआईएसएम के अध्यक्ष ने कहा कि आयोग भारतीय पारंपरिक चिकित्सा पद्धति में वैज्ञानिक एवं प्रौद्योगिकी विकास का ढांचा तैयार करना चाहती है और इस उद्देश्य के लिये एक ‘बहुविषयक समिति’ का गठन किया जायेगा। उन्होंने कहा कि यह समिति जीव विज्ञान, रसायन विज्ञान, भौतिकी, गणित, माइक्रो बायोलॉजी, मॉलिक्यूलर बायोलॉजी, बायो इंफार्मेटिक्स जैसे विषयों में नवाचार एवं नये घटनाक्रमों पर विचार विमर्श करेगी।