नयी दिल्ली (एजेंसी) : चालू वित्त वर्ष में देश की आर्थिक वृद्धि दर शून्य से कुछ ऊपर रहने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता, क्योंकि लॉकडाउन के बाद भी पहली तिमाही में कृषि जैसे क्षेत्र तथा आवश्यक वस्तुओं व सेवाओं का काम पूरी तरह से चल रहा था। रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर सी रंगराजन और ईवाई इंडिया के प्रमुख नीति सलाहकार डीके श्रीवास्तव द्वारा लिखी गयी एक रिपोर्ट में यह संभावना व्यक्त की गयी है। रिपोर्ट में कहा गया कि भले ही कई एजेंसियों ने 2020-21 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में बड़ी गिरावट आने का अनुमान व्यक्त किया है, ऐसी संभावनाएं हैं जिनके आधार पर यह माना जा सकता है कि परिणाम इन अनुमानों से ठीक-ठाक बेहतर हो सकते हैं। रिपोर्ट में कहा गया, ‘हम ध्यान दें कि कुछ प्रमुख क्षेत्र जैसे कृषि और संबद्ध क्षेत्र, सार्वजनिक प्रशासन, रक्षा सेवाएं और अन्य सेवाएं, स्वास्थ्य सेवाओं की मांग को देखते हुए सामान्य या सामान्य से बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं। पूरे वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान आधी अर्थव्यवस्था सामान्य या सामान्य से बेहतर प्रदर्शन कर सकती है।’ रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि वर्तमान भू-राजनीतिक स्थिति को देखते हुए केंद्र और राज्य स्तर पर सरकारें विदेश से निवेश आकर्षित करने के लिये अधिक सक्रिय हो गयी हैं। वित्त वर्ष 2019-20 में कॉर्पोरेट कर की दरों में सुधार ने भी विभिन्न विनिर्माण सुविधाओं का भारत आना सुनिश्चित किया है। अत: सकारात्मक वृद्धि की संभावनाओं को खारिज नहीं किया जा सकता।