मुंबई, 26 सितंबर (एजेंसी)
बॉम्बे हाईकोर्ट ने तीसरे जज के फैसले के बाद बृहस्पतिवार को सरकार के खिलाफ सोशल मीडिया पर फर्जी और झूठी सामग्री की पहचान करने और उसे विनियमित करने के उद्देश्य से संशोधित सूचना प्रौद्योगिकी नियमों को औपचारिक रूप से रद्द कर दिया और इन्हें ‘असंवैधानिक’ करार दिया। जस्टिस एएस चंदुरकर की एकल पीठ ने 20 सितंबर को कहा था कि संशोधित नियम अस्पष्ट हैं। जनवरी में एक खंडपीठ ने खंडित निर्णय दिया था। फिर निष्कर्ष तक पहुंचने के लिए जस्टिस चंदुरकर के पास मामले को भेजा गया था। तीसरे जज के फैसले के बाद, जस्टिस एएस गडकरी और जस्टिस नीला गोखले की खंडपीठ ने बृहस्पतिवार को हास्य कलाकार कुणाल कामरा, ‘एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया’, ‘न्यूज ब्रॉडकास्ट एंड डिजिटल एसोसिएशन’ और ‘एसोसिएशन ऑफ इंडियन मैगजीन’ द्वारा नये नियमों को चुनौती देते हुए दायर याचिकाओं पर औपचारिक रूप से फैसला सुनाया।