नयी दिल्ली, 15 नवंबर (एजेंसी)
राष्ट्रीय राजधानी के आसमान में छाई जहरीली धुंध की चादर बुधवार को घनी हो गई और मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों के बीच हवा की गुणवत्ता एक बार फिर ‘गंभीर’ श्रेणी के करीब पहुंच गई। इस बीच, गंभीर बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है। प्रदूषण के संबंध में एक अधिकारी ने कहा, ‘पराली जलाने की घटनाएं फिर से बढ़ रही हैं और मौसम संबंधी परिस्थितियां (प्रदूषकों के बिखराव के लिए) अनुकूल नहीं हैं। बढ़ते प्रदूषण के संबंध में डॉक्टरों का कहना है कि दिल्ली की दूषित हवा में सांस लेना एक दिन में लगभग 10 सिगरेट पीने के हानिकारक प्रभावों के बराबर है। उन्होंने कहा कि लंबे समय तक उच्च स्तर के प्रदूषण के संपर्क में रहने से अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) जैसी श्वांस संबंधी समस्याएं हो सकती हैं और हृदयरोगों का खतरा भी बढ़ सकता है।
दिल्ली में बुधवार को समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 392 दर्ज किया गया। इसके अलावा पड़ोसी गाजियाबाद (एक्यूआई 362), गुरुग्राम (322), ग्रेटर नोएडा (312), नोएडा (364) और फरीदाबाद (369) में भी वायु गुणवत्ता बहुत खराब दर्ज की गई। उधर, निर्माण परियोजनाओं आदि पर फिलहाल रोक जारी है।