नयी दिल्ली, 29 अगस्त (एजेंसी)
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि मौजूदा लॉकडाउन के दौरान स्कूलों के बंद रहने तक छात्रों के अभिभावकों से वार्षिक और विकास शुल्क नहीं लिए जा सकते। जस्टिस जयंत नाथ ने 25 अगस्त को एक निजी स्कूल के अभिभावकों के संगठन की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की । याचिका में स्कूल द्वारा जुलाई से ट्यूशन फीस के साथ वार्षिक और विकास शुल्क लिए जाने को चुनौती दी गयी है। अदालत ने जुलाई महीने से अगले आदेश तक अभिभावकों से वार्षिक और विकास शुल्क लेने से स्कूलों को रोक दिया है। अदालत ने दिल्ली सरकार और स्कूल को भी एक नोटिस जारी कर अभिभावकों के संगठन की याचिका पर उनका पक्ष जानना चाहा है। अदालत मामले पर आगे 16 सितंबर को सुनवाई करेगी। वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए सुनवाई के दौरान स्कूल ने दलील दी कि लॉकडाउन खत्म हो चुका है इसलिए वह वाषिक और विकास शुल्क ले सकता है। हालांकि, दिल्ली सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त स्थायी वकील गौतम नारायण ने कहा कि शिक्षा निदेशालय ने 18 अप्रैल के अपने परिपत्र में स्कूलों को लॉकडाउन की अवधि में वार्षिक और विकास शुल्क नहीं लेने को कहा था।
सभी मरीजों को रेमडेसिविर की मंजूरी
फोस्टर सिटी (अमेरिका) (एजेंसी) : अमेरिका की नियामक संस्था खाद्य एवं दवा प्रशासन’ (एफडीए) ने अस्पताल में काेरोना के सभी मरीजों को रेमडेसिविर दवा देने की अनुमति प्रदान कर दी है। दवा निर्माता ‘गिलियड साइंसेज’ ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। कंपनी ने कहा कि एफडीए ने एमरजेंसी में रेमडेसिविर के प्रयोग का दायरा बढ़ा दिया है जिससे डॉक्टर मरीजों को इसे लेने की सलाह दे सकेंगे।