नयी दिल्ली, 27 जुलाई (एजेंसी)
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी नेशनल हेराल्ड अखबार से जुड़े धनशोधन के मामले में पूछताछ के लिए तीसरी बार बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश हुईं। वह अपनी बेटी प्रियंका गांधी के साथ सुबह 11 बजे मध्य दिल्ली में संघीय जांच एजेंसी के कार्यालय पहुंचीं। सोनिया गांधी (75) से अभी तक 8 घंटों से अधिक समय तक पूछताछ की जा चुकी है, जिसमें उनसे 65 से 70 सवाल पूछे गए। एजेंसी द्वारा 30-40 और सवाल पूछे जाने के साथ ही बुधवार को पूछताछ खत्म होने की संभावना है। यह पूछताछ समाचार पत्र ‘नेशनल हेराल्ड’ और ‘यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड’ कंपनी में कथित वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों से जुड़ी है। अधिकारियों ने बताया कि कोविड अनुकूल प्रोटोकॉल का पालन करते हुए पूछताछ के सत्र किए जा रहे हैं और इसे ऑडियो-वीडियो माध्यम से रिकॉर्ड किया जा रहा है। कांग्रेस ने अपने शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ एजेंसी की कार्रवाई की निंदा की है और इसे ‘‘राजनीतिक प्रतिशोध तथा उत्पीड़न” करार दिया है।
सोनिया के समर्थन में उतरे आजाद और शर्मा, कहा-नेशनल हेराल्ड से जुड़े कौन से कागजात हैं जिनकी कई वर्षों से जांच की जा रही है?
कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा ने ‘नेशनल हेराल्ड’ से जुड़े धनशोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की सोनिया गांधी से पूछताछ के औचित्य को लेकर सवाल खड़े करते हुए बुधवार को कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष की सेहत और उम्र को देखते हुए उन्हें बार-बार पूछताछ के लिए बुलाया जाना उचित नहीं है। पार्टी के ‘जी 23′ समूह के इन दोनों प्रमुख नेताओं ने यह भी कहा कि जब इसी मामले में राहुल गांधी से पांच दिनों की पूछताछ हो चुकी है तो फिर सोनिया गांधी से पूछताछ का कोई मतलब नहीं है। आजाद ने संवाददाताओं से कहा, ‘नेशनल हेराल्ड से जुड़े कौन से कागजात हैं जिनकी कई वर्षों से जांच की जा रही है? एक समय में यह भी कहा गया था कि इस मामले में कुछ नहीं है। फिर राहुल गांधी जी से पांच दिनों तक पूछताछ क्यों की गई।’ उन्होंने कहा, ‘मेरे समझ में नहीं आया कि जब मामला एक है, परिवार एक है, जब राहुल गांधी से पांच दिन कई घंटों तक पूछताछ की गई, तो फिर उसी मामले में सोनिया जी को बुलाने के लिए क्या जरूरत थी? राहुल जी जवान हैं, लेकिन सोनिया जी की उम्र काफी है, (वह) पिछले कुछ वर्षों से बीमार भी हैं। एजेंसी का दबाव तो जवान बर्दाश्त नहीं कर सकता।’ आजाद ने कहा, ‘‘इतने वर्षों से संगठन और एक राजनीतिक परिवार में रहने के कारण सोनिया जी ने भले ही राजनीतिक जानकारी हासिल की है, लेकिन इन सब तकनीकी बातों के बारे में वह कैसे जानेंगी।” कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘आपके पास कागज है तो आपने राहुल गांधी जी से लंबी पूछताछ की, वही काफी है। पहले जंग होती थी तो बादशाह की तरफ से हिदायत होती थी कि महिला और बीमार पर हाथ नहीं उठाना। यह हमारी परंपरा रही है। ईडी को ध्यान रखना चाहिए कि सोनिया जी को बार-बार बुलाना ठीक नहीं है…सोनिया जी की सेहत के साथ खेलना अच्छा नहीं है।’ राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, ‘इन दिनों जो स्थिति बनी हुई है, उससे पूरा देश घबराया हुआ है। जो आतंक की स्थिति बना रखी है उससे लोग घबराए हुए हैं।’ उन्होंने आरोप लगाया कि जांच एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है और ऊपर के आदेश पर विरोधी दलों के नेताओं के खिलाफ कार्रवाई हो रही है। पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने कहा, ‘‘भारत संवैधानिक लोकतंत्र है, (देश में) कानून का शासन है। इसमें मौलिक अधिकारों के साथ प्रतिष्ठा और निजी स्वतंत्रता का भी सम्मान होना चाहिए। यह बहुत परेशन करने वाला चलन हो गया है कि कानून को हथियार की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है। लोगों को अपमानित करने के लिए यह इस्तेमाल हो रहा है। ऐसा नहीं होना चाहिए।’ उन्होंने कहा, ‘‘जब राहुल गांधी जी से पूछताछ की गई है तो फिर सोनिया जी को क्यों बुलाया गया है। सोनिया जी की उम्र और सेहत का ध्यान रखा जाना चाहिए।