काबुल, 16 अगस्त (एजेंसी)
तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में हवाई अड्डे पर सोमवार को अफरा-तफरी का माहौल रहा। देश छोड़ने के लिए हजारों की संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। लोग हवाई पट्टी पर इधर से उधर दौड़ते रहे और विमानों में सवार होने के लिए धक्का-मुक्की होती रही। वरिष्ठ अमेरिकी सैन्य अधिकारियों ने बताया कि हवाईअड्डे पर मची अफरा-तफरी में 7 लोगों की मौत हो गयी। इनमें से कुछ लोग वहां से उड़ान भर रहे अमेरिकी सैन्य परिवहन विमान से गिर गये थे। सोशल मीडिया पर आये एक वीडियो में देखा जा सकता है कि कुछ लोग विमान के बाहर लटक गये थे। एक अन्य वीडियो में 3 लोग उड़ते विमान से गिरते दिखे।
इस बीच काबुल हवाई अड्डे पर वाणिज्यिक उड़ानों पर रोक लगा दी गयी है। विदेशी राजनयिकों और नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए अमेरिकी सेना ने हवाई अड्डे की सुरक्षा अपने नियंत्रण में ले ली है। हवाई अड्डे की अफरा-तफरी पर काबू पाने के लिए अमेरिकी सैनिकों ने चेतावनी स्वरूप हवा में गोलियां भी चलायीं। हवाई अड्डे की सुरक्षा के लिए अमेरिकी सेना एक हजार सौनिकों की अतिरिक्त बटालियन भेज रही है।
राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश से बाहर चले जाने के बाद रविवार को तालिबान के लड़ाके काबुल में घुस गये थे। इसके साथ ही 2 दशक लंबे उस अभियान का आश्चर्यजनक अंत हो गया, जिसमें अमेरिका और उसके सहयोगियों ने अफगानिस्तान में बदलाव लाने की कोशिश की थी। तालिबान ने एक हफ्ते से भी कम समय में देश के बड़े हिस्से पर नियंत्रण कर लिया। पश्चिमी देशों द्वारा प्रशिक्षित अफगानिस्तान का सुरक्षाबल तालिबान को रोकने या मुकाबला करने में नाकाम साबित हुआ।
काबुल में तनावपूर्ण शांति है और ज्यादातर लोग अपने घरों में दुबके हुए हैं। तालिबान ने प्रमुख चौराहों पर अपने लड़ाकों को तैनात कर दिया है। लूटपाट की छिटपुट खबरें भी आ रही हैं। तालिबान ने हजारों कैदियों को रिहा कर दिया है और लोगों को अराजकता का डर सता रहा है। लोगों को तालिबान के क्रूर शासन के फिर से लौटने की आशंका सता रही है। कई अफगान नागरिक सीमाओं को पैदल ही पार कर देश से बाहर जाने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि, उन सीमाओं पर अब तालिबान का नियंत्रण है। तालिबान ने जिस तेजी के साथ अफगानिस्तान पर कब्जा किया है, उससे अमेरिकी अधिकारी चकित हैं।
‘खुली-समावेशी इस्लामी सरकार चाहता है तालिबान’
तालिबान के एक प्रवक्ता एवं वार्ताकार सुहैल शाहीन ने रविवार को कहा कि चरमपंथी संगठन अफगानिस्तान में ‘खुली, समावेशी इस्लामी सरकार’ बनाने के मकसद से वार्ता कर रहा है। तालिबान के एक अधिकारी ने कहा कि काबुल में राष्ट्रपति भवन से जल्द ही ‘इस्लामी अमीरात ऑफ अफगानिस्तान’ के गठन की घोषणा करेगा।
हवाई अड्डे पर जद्दोजहद
हवाई अड्डे पर मौजूद मसूमा ताजिक (22) के अनुसार स्थिति दहशत भरी है। उन्होंने कहा कि लोगों ने दीवारों को तोड़ दिया, अमेरिकी सैनिकों ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए गैस का छिड़काव किया और हवा में गोलियां चलाईं। शफी आरिफी ने रविवार को उज्बेकिस्तान जाने के लिए टिकट लिया था, लेकिन वह अपने विमान में सवार नहीं हो सकी, क्योंकि विमान उन लोगों से भर गया, जो दौड़ कर टर्मिनल पर पहुंच गए थे। वहां कोई पुलिसकर्मी या कर्मचारी नहीं था। आरिफी ने कहा कि वहां खड़े होने की भी जगह नहीं है, सांस लेना भी मुश्किल हो गया। आखिरकार आरिफी घर वापस चली गयी।