वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को पेश आम बजट में आयकर मोर्चे पर मध्यम वर्ग एवं नौकरीपेशा लोगों को थोड़ी राहत देने और अगले पांच साल में रोजगार सृजन के लिए दो लाख करोड़ रुपये के आवंटन की घोषणा की। छोटे उद्योगों को प्रोत्साहन और आवास, कृषि एवं ग्रामीण सड़कों के लिए उदार आवंटन भी उनके बजट के मुख्य बिंदु रहे। इसके साथ ही उन्होंने सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल सहयोगी दलों के शासन वाले राज्यों- बिहार और आंध्र प्रदेश के लिए कई परियोजनाओं का भी ऐलान किया। बिहार को बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए 60,000 करोड़ और आंध्र प्रदेश काो बहुपक्षीय एजेंसियों के माध्यम से वित्तीय सहायता के रूप में 15,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
वित्त मंत्री ने कहा कि 4.1 करोड़ युवाओं के लिए रोजगार, कौशल विकास और अन्य अवसर उपलब्ध कराने की योजनाओं और उपायों के लिए पांच साल की अवधि में दो लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। शिक्षा, रोजगार और कौशल के लिए 1.48 लाख करोड़ रुपये का निर्धारण किया गया है।
भाजपा को लोकसभा चुनाव में अपने दम पर बहुमत नहीं मिलने के लिए ग्रामीण असंतोष और बेरोजगारी को जिम्मेदार माना गया था। सीतारमण ने वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में ग्रामीण विकास के लिए 2.66 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया। वहीं आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए 11.11 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। यह सकल घरेलू उत्पाद का 3.4 प्रतिशत है।
सीतारमण ने अपना सातवां और नरेंद्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश करते हुए स्टार्टअप में सभी श्रेणी के निवेशकों के लिए ‘एंजल टैक्स’ समाप्त करने की घोषणा की। मोबाइल फोन एवं सोने पर सीमा शुल्क में कटौती की गई है और पूंजीगत लाभ कर को सरल बनाया गया है। हालांकि, प्रतिभूतियों के वायदा एवं विकल्प खंड में प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) को बढ़ाने की घोषणा की गयी। इस कदम से शेयर बाजारों में गिरावट आई।
सीतारमण ने लोकसभा में करीब डेढ़ घंटे के बजट भाषण के दौरान कहा, ‘ऐसे समय जब दुनिया में अनिश्चितताएं हैं, भारत की आर्थिक वृद्धि एक अपवाद बनी हुई है और आने वाले वर्षों में भी ऐसा ही रहेगा।… इस बजट में हम विशेष रूप से रोजगार, कौशल विकास, एमएसएमई और मध्यम वर्ग पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।’
रोजगार को बढ़ावा देने के लिए बजट में कंपनियों के लिए प्रोत्साहन का प्रावधान किया गया है। इसमें पहली बार काम करने वाले कर्मचारियों के लिए एक महीने के वेतन का भुगतान और रोजगार के पहले चार वर्षों में उनके सेवानिवृत्ति निधि अंशदान के संबंध में नियोक्ताओं को प्रत्येक अतिरिक्त कर्मचारी के ईपीएफओ योगदान के लिए दो साल के लिए 3,000 रुपये प्रति माह तक का ‘रिम्बर्समेंट’ शामिल है। वित्त मंत्री ने कहा कि कौशल में सुधार के साथ छात्रों के लिए इंटर्नशिप के लिए एक कार्यक्रम चलाया जाएगा। उच्च शिक्षा के लिए रियायती कर्ज भी दिया जाएगा।
बजट में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में तीन करोड़ किफायती आवासों के निर्माण के लिए सहायता, छोटे और मझोले उद्यमों को कर्ज सहायता प्रदान की गई है। मुद्रा योजना के तहत छोटे उद्यमों के लिए कर्ज सीमा बढ़ाकर 20 लाख रुपये, 12 औद्योगिक पार्क स्थापित करने का प्रस्ताव और अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए 1,000 करोड़ का कोष स्थापित करने का प्रस्ताव किया गया है।
हर वर्ग को शक्ति
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो संदेश के माध्यम से कहा कि यह बजट भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने के लिए ‘उत्प्रेरक’ का काम करेगा और विकसित भारत की नींव भी रखेगा। वित्त मंत्री और उनकी पूरी टीम को इस बजट के लिए बधाई देते हुए उन्होंने कहा, ‘यह बजट देश के गांव, गरीब, किसान को समृद्धि की राह पर ले जाने वाला बजट है।’ उन्होंने कहा, ‘यह नौजवानों को अनगिनत नए अवसर देने वाला बजट है।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बजट से महिलाओं की आर्थिक भागीदारी सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी और इससे छोटे व्यापारियों व लघु उद्योगों को प्रगति का नया रास्ता मिलेगा। उन्होंने कहा कि बजट में भारत के रक्षा क्षेत्र को ‘आत्मनिर्भर’ बनाने के लिए अनेक प्रावधान हैं और इसमें पर्यटन क्षेत्र पर भी ध्यान दिया गया है।
हमारे घोषणापत्र का कॉपी-पेस्ट
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि सरकार ने भाजपा को खुश करने के लिए दूसरे राज्यों की कीमत पर खोखले वादे किए गए हैं। राहुल गांधी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘अपने मित्रों को खुश किया गया, ‘एए’ को लाभ दिया गया, लेकिन आम भारतीय को कोई राहत नहीं दी गई।’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘कांग्रेस का घोषणापत्र और पिछले कुछ बजट का ‘कॉपी-पेस्ट’ किया गया है।’
नकलची, सरकार बचाओ बजट
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘कांग्रेस के न्याय के एजेंडे को ठीक तरह से कॉपी भी नहीं कर पाया मोदी सरकार का नकलची बजट। मोदी सरकार का बजट अपने गठबंधन के साथियों को ठगने के लिए आधी-अधूरी रेवड़ियां बांट रहा है, ताकि राजग बची रहे। 10 साल बाद उन युवाओं के लिए सीमित घोषणाएं हुईं हैं, जो सालाना दो करोड़ नौकरियों के जुमले को झेल रहे हैं। किसानों के लिए केवल सतही बातें हुईं हैं। महंगाई पर सरकार अपनी पीठ थपथपा रही है और जनता की गाढ़ी कमाई लूट कर वह पूंजीपति मित्रों में बांट रही है।’
‘मोदी सरकार ने बिना भेदभाव सभी राज्यों को दिया धन’
चुनाव पूर्व गठबंधन के साथ, हमने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आराम से सरकार बनाई है। यह ऐतिहासिक है। हमें सभी राज्यों से प्रस्ताव मिलते हैं और उचित प्रक्रिया के तहत उनकी परियोजनाओं को वित्तपोषित करने का प्रयास किया जाता है। यदि बजट भाषण में राज्य का नाम नहीं है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि उसे शामिल नहीं किया गया है। बजट में बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और आंध्र प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिए पूर्वोदय योजना का प्रस्ताव रखा गया है।” – निर्मला सीतारमण, केंद्रीय वित्त मंत्री (बजट के बाद पत्रकार वार्ता में)
17,500 तक टैक्स बचत वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए मानक कटौती की सीमा 50 हजार से बढ़ाकर 75 हजार रुपये सालाना करने और नयी कर व्यवस्था के तहत टैक्स स्लैब में बदलाव का प्रस्ताव किया गया है। इसी तरह पेंशनधारकों के लिए पारिवारिक पेंशन पर कटौती को 15 हजार रुपये से बढ़ाकर 25 हजार रुपये करने का भी प्रस्ताव है। सीतारमण ने कहा कि इस कदम से लगभग चार करोड़ कर्मचारियों और पेंशनर्स को राहत मिलेगी। नयी कर व्यवस्था अपनाने वाले कर्मचारियों को 17,500 रुपये तक की टैक्स बचत होगी। टैक्स के नये स्लैब एक अप्रैल, 2024 से प्रभावी होंगे।
राजकोषीय घाटा 4.9% रहने का अनुमान
राजकोषीय घाटा 2024-25 में जीडीपी का 4.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है। यह 2024-25 के लिए फरवरी में पेश अंतरिम बजट में अनुमानित 5.1 प्रतिशत से कम है। इसका कारण मजबूत कर संग्रह और भारतीय रिजर्व बैंक से अपेक्षा से अधिक लाभांश प्राप्ति है। सकल बाजार उधारी को मामूली रूप से घटाकर 14.01 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है। उधारियों को छोड़कर कुल प्राप्तियां 32.07 लाख करोड़ और व्यय 48.21 लाख करोड़ रहने का अनुमान है। शुद्ध कर प्राप्ति 25.83 लाख करोड़ रुपये अनुमानित है।
ये होगा सस्ता
आयातित मोबाइल फोन, चार्जर/एडाप्टर
मोबाइल फोन की प्रिंटेड सर्किट बोर्ड असेंबली (पीसीबीए)
कैंसर की तीन दवाएं और कुछ चिकित्सकीय उपकरण
सोने, चांदी की छड़ें व ‘डोर’
झींगा और फिश फीड
25 महत्वपूर्ण खनिज
और इनके बढ़ेंगे दाम
पीवीसी फ्लेक्स फिल्में
बड़ी छतरियां
प्रयोगशाला रसायन
सोलर ग्लास
झलकियां
सीतारमण ने सातवीं बार बजट पेश किया, प्रधानमंत्री ने पास आकर दी बधाई
बैंगनी-सुनहरे रंग की किनारी वाली क्रीम रंग की मैसूर सिल्क साड़ी में पहुंची वित्त मंत्री
बिहार और आंध्र प्रदेश के लिए घोषणाओं पर विपक्षी दलों ने किया हंगामा
विपक्ष ने ‘सरकार को बचाने वाला बजट’ और ‘सरकार बचाओ, कुर्सी बचाओ बजट’ के नारे लगाए
महाराष्ट्र और हरियाणा के लिए कोई विशेष घोषणा नहीं
बारिश से प्रभावित हिमाचल और उत्तराखंड के लिए कुछ घोषणाएं
रेलवे से संबंधित घोषणाओं या अग्निपथ योजना का कोई उल्लेख नहीं
मोदी सदन में पहुंचे तो भाजपा सांसदों ने ‘भारत माता की जय’, विपक्ष ने ‘जय संविधान’ के नारे लगाये
वित्त मंत्री की पुत्री वांग्मयी पराकला और अन्य रिश्तेदार भी दर्शक दीर्घा में बैठे
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।