देहरादून, 9 फरवरी (एजेंसी)
उत्तराखंड के चमोली जिले में ऋषिगंगा घाटी में आई बाढ़ में मरने वालों की संख्या मंगलवार को 32 तक पहुंच गई। एनटीपीसी की क्षतिग्रस्त तपोवन-विष्णुगाड पनबिजली परियोजना की 250 मीटर लंबी सुरंग में फंसे 30-35 लोगों को बाहर निकालने के लिए सेना सहित कई एजेंसियों का अभियान तीसरे दिन भी जारी रहा। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार, आपदाग्रस्त क्षेत्र में अलग-अलग स्थानों से 32 शव बरामद हो चुके हैं, जबकि 174 लोग लापता हैं।
आपदा प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर लौटे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि इस समय प्राथमिकता सुरंग में फंसे लोगों तक पहुंचना और ज्यादा से ज्यादा लोगों का जीवन बचाना है। सुरंग में घुमाव और मलबे के कारण आ रही मुश्किलों के बावजूद उसका आधे से ज्यादा रास्ता साफ किया जा चुका है, अधिकारियों को उम्मीद है कि जल्द ही वहां फंसे लोगों से संपर्क हो सकेगा। उन्होंने कहा कि अब ड्रिल करके रस्सी के सहारे आगे पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है। एसडीआरएफ ने कहा कि रैंणी, तपोवन, जोशीमठ, रतूडा, गौचर, कर्णप्रयाग, रुद्रप्रयाग क्षेत्रों में अलकनंदा नदी में शवों की तलाश की जा रही है। उधर, झारखंड से आये समाचार के अनुसार वहां की लोहरदगा पंचायत क्षेत्र के भी 9 लोग इस आपदा के बाद लापता हैं। ये सभी एनटीपीसी परियोजना में काम करने गये थे।