सोनीपत, 20 नवंबर (निस)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तीनों कृषि कानून वापस लेने की घोषणा के बाद भी संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने अपने आंदोलन के निर्धारित कार्यक्रम जारी रखने का ऐलान किया है। संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रधानमंत्री की घोषणा का स्वागत तो किया, लेकिन साथ ही कहा कि अभी उनकी कई अहम मांगें बाकी हैं। शनिवार को किसान संगठनों की बैठक के बाद एसकेएम नेताओं ने कहा कि अभी आंदोलन वापस लेने का कोई विचार नहीं है। संसद मार्च की तैयारियां जारी हैं। उन्होंने कहा कि कृषि कानून जब तक संसद में सभी औपचारिकताओं के साथ वापस नहीं लिए जाते, तब तक आंदोलन वापस नहीं लिया जाएगा। संयुक्त किसान मोर्चा के प्रमुख डाॅ. दर्शनपाल ने बताया कि रविवार को कुंडली बॉर्डर पर मोर्चा के सभी नेता बैठक करेंगे और अगली रणनीति का खुलासा किया जाएगा।
एसकेएम ने कहा कि पूर्व घोषित कार्यक्रम के मुताबिक किसान आंदोलन का एक वर्ष पूरा होने पर 24 से 28 नवंबर तक सभी मोर्चों पर किसानों की संख्या बढ़ाई जाएगी। विभिन्न मोर्चा स्थलों पर पहुंचने के लिए रास्ते में टोल प्लाजा फ्री रखे जाएंगे। आंदोलन का एक साल पूरा होने पर 26 नवंबर को दिल्ली से दूर विभिन्न राज्यों की राजधानियों में ट्रैक्टर और बैलगाड़ी परेड निकाली जाएगी। 28 नवंबर को 100 से अधिक संगठनों के साथ संयुक्त शेतकारी कामगार मोर्चा के बैनर तले मुंबई के आजाद मैदान में किसान-मजदूर महापंचायत का आयोजन किया जाएगा। 29 नवंबर से प्रतिदिन 500 प्रदर्शनकारियों का ट्रैक्टर-ट्रालियों में संसद तक शांतिपूर्ण मार्च शुरू होगा।
मुकदमे भी वापस लें : चढ़ूनी भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष गुरनाम चढ़ूनी ने कहा कि जिस तरह कानून वापस लिए गए हैं, वैसे ही किसानों पर दर्ज मुकदमे भी वापस लिए जाएं और आंदोलन में शहीद हुए किसानों के परिवारों को मुआवजा दिया जाए। उन्होंने कहा कि एमएसपी की गारंटी की मांग भी अभी बाकी है। इन मांगों के पूरा होने पर ही आंदोलन वापस लिया जाएगा।
बढ़ने लगी भीड़ : कुंडली-सिंघु बॉर्डर पर शनिवार को किसान अलग-अलग जत्थों में जश्न मनाते रहे। कुंडली धरनास्थल पर लगातार भीड़ बढ़ रही है। शनिवार को काफी संख्या में ट्रैक्टर-ट्रालियां पंजाब की ओर से धरनास्थल पर पहुंचीं।