नयी दिल्ली, 16 सितंबर (एजेंसी)
आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के नये मुख्यमंत्री के नाम को लेकर सोमवार को राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) की बैठक के दौरान पार्टी नेताओं के साथ बातचीत की। यहां केजरीवाल के आधिकारिक आवास पर हुई बैठक के बाद आप नेता सौरभ भारद्वाज ने संवाददाताओं से कहा, ‘बैठक के दौरान उन्होंने (केजरीवाल ने) प्रत्येक नेता से मुख्यमंत्री के नाम को लेकर एक-एक करके राय ली। अब कल विधायक दल की बैठक में इस पर चर्चा होगी।’
आबकारी नीति मामले में जमानत पर तिहाड़ जेल से रिहा हुए केजरीवाल ने रविवार को कहा था कि वह 48 घंटे के भीतर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे और दिल्ली में जल्द चुनाव कराने की मांग करेंगे। केजरीवाल ने कहा था कि जब तक लोग उन्हें ‘ईमानदारी का प्रमाणपत्र’ नहीं दे देते, तब तक वह मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठेंगे।
आप के विधायक मंगलवार को दिन में साढ़े 11 बजे केजरीवाल के आवास पर बैठक करेंगे और दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में उनके उत्तराधिकारी के नाम पर चर्चा करेंगे। इसके बाद केजरीवाल शाम साढ़े चार बजे उपराज्यपाल वीके सक्सेना से मुलाकात करेंगे और इस दौरान वह अपना इस्तीफा सौंप सकते हैं।
मुख्यमंत्री के संभावित दावेदारों में दिल्ली विधानसभा की उपाध्यक्ष राखी बिड़लान, आप प्रमुख केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल सहित दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी, गोपाल राय, सौरभ भारद्वाज, कैलाश गहलोत के नामों की चर्चा है।
मर्यादा नहीं, मजबूरी है इस्तीफा : भाजपा
भाजपा की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल का मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना मर्यादा का पालन नहीं, बल्कि मजबूरी है। सचदेवा ने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट ने साफ कह दिया है कि वह अपने दफ्तर नहीं जा सकते, किसी फाइल पर दस्तखत नहीं कर सकते, तो फिर केजरीवाल के पास क्या विकल्प था?’ उन्होंने दावा किया कि केजरीवाल ने इस मजबूरी को गरिमा के रूप में पेश करने की कोशिश की और दिल्ली की जनता इसे समझती है। सचदेवा ने केजरीवाल पर आरोप लगाते हुए कहा, ‘अदालत ने आपको आपकी चोरी के कारण जेल भेजा और आपको दिल्ली की जनता को जवाब देना होगा। जहां तक चुनाव का सवाल है, नवंबर तक इंतजार मत कीजिए, अक्तूबर में चुनाव कराइए। भाजपा तैयार है और दिल्ली की जनता भी तैयार है और वो जल्द से जल्द भ्रष्ट मुख्यमंत्री से छुटकारा पाना चाहती है।’ उन्होंने आरोप लगाया कि केजरीवाल के शासन में दिल्ली सरकार का कोई भी विभाग भ्रष्टाचार से मुक्त नहीं है।