हरिद्वार, 12 अप्रैल (एजेंसी)
कोविड के बढ़ते प्रकोप के बीच सोमवती अमावस्या के अवसर पर महाकुंभ के दूसरे शाही स्नान के दिन सोमवार को साधु संतों ने हर-हर महादेव के उद्घोष के साथ मुख्य स्नान घाट हर की पैड़ी पर असीम आस्था और अपार उत्साह के साथ मोक्षदायिनी गंगा में डुबकी लगाई। अमृत कलश से छलकी बूंदों का पुण्य कमाने के लिये देश के कोने-कोने से उमड़े श्रद्धालुओं ने भी यहां शहर के अन्य घाटों पर गंगा में डुबकी लगाई और कुंभ स्नान का लाभ लिया। महाकुंभ मेला प्रशासन ने दावा किया कि हरिद्वार से लेकर देवप्रयाग तक पूरे मेला क्षेत्र में अब तक 20 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान कर लिया है।
शाही स्नान के दौरान महाकुंभ मेले की व्यवस्था की निगरानी करने पहुंचे प्रदेश के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि पूरे मेला क्षेत्र में सुचारु ढंग से स्नान चल रहा है। उन्होंने बताया कि हर की पैड़ी पर अखाडों से जुड़े-साधु संत शाही स्नान कर रहे हैं, जबकि अन्य घाटों पर आम श्रद्धालुओं का स्नान जारी है। सबसे पहले श्री पंचायती निरंजनी अखाड़े के साधु संत और नागा संन्यासी अपने पीठाधीश्वर कैलाशानंद गिरी महाराज की अगुवाई में स्नान के लिए हर की पैड़ी ब्रह्मकुंड पहुंचे। कैलाशानंद गिरि महाराज ने सबसे पहले गंगा पूजन किया और अखाड़े के इष्टदेव कार्तिकेय भगवान की डोली को गंगा स्नान कराया। इसके बाद अखाड़े के अन्य साधु-संतों ने गंगा में डुबकी लगाई।
साधु-संतों पर हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा
शाही स्नान के लिए जाते साधु संतों पर उत्तराखंड सरकार की ओर से हेलीकॉप्टर से लगातार पुष्पवर्षा की जाती रही जिससे वातावरण दिव्य बन गया। किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी मणि त्रिपाठी की अगुवाई में सैकड़ों किन्नर संत ढोल नगाड़ों की थाप पर नाचते हुए हरकी पैड़ी पहुंचे और शाही स्नान किया। हालांकि, इसी बीच महामंडलेश्वर लक्ष्मीमणि त्रिपाठी अचानक बेहोश हो गयीं। उन्हें एम्बुलेंस से एक निजी अस्पताल ले जाया गया।
नेपाल के पूर्व नरेश ज्ञानेंद्र ने भी किया स्नान
महाकुंभ में भाग लेने के लिए पहली बार हरिद्वार पहुंचे पूर्व नेपाल नरेश राजा ज्ञानेंद्र बीर बिक्रम शाह ने भी निरंजनी अखाड़े के साथ ब्रह्म कुंड में शाही स्नान किया। इसके बाद शाही स्नान के क्रम में जूना अखाड़ा के हजारों साधु-संत और नागा संन्यासी अपने आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद महाराज, अखाड़े के अध्यक्ष महंत हरि गिरी सहित अन्य महंतों के नेतृत्व में गंगा स्नान के लिए पहुंचे।