नयी दिल्ली, 29 अक्तूबर (एजेंसी)
देश में 70 पार के हर बुजुर्ग के लिए आयुष्मान योजना लागू कर दी गयी है। योजना के तहत इस आयुवर्ग के देश के हर बुजुर्ग को अस्पताल में मुफ्त इलाज मिलेगा। ऐसे बुजुर्गों को आयुष्मान वय वंदना कार्ड दिया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को 9वें आयुर्वेद दिवस के अवसर पर लगभग 12,850 करोड़ रुपये की लागत वाली स्वास्थ्य क्षेत्र से संबंधित विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। राजधानी स्थित अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए) में आयोजित एक कार्यक्रम में मोदी ने आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में 70 वर्ष और इससे अधिक आयु के नागरिकों को भी शामिल करने की योजना की शुरुआत की।
इस अवसर पर मोदी ने भारत के पहले अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान के दूसरे चरण का उद्घाटन किया। इस चरण में, एक पंचकर्म अस्पताल, औषधि निर्माण के लिए एक आयुर्वेदिक फार्मेसी, एक खेल चिकित्सा इकाई, एक केंद्रीय पुस्तकालय, एक आईटी और स्टार्ट-अप इनक्यूबेशन सेंटर और 500 सीटों वाला ऑडिटोरियम शामिल है। उन्होंने मध्य प्रदेश में तीन मेडिकल कॉलेजों के अलावा हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर, पश्चिम बंगाल के कल्याणी, बिहार में पटना, यूपी में गोरखपुर, मध्य प्रदेश में भोपाल, असम में गुवाहाटी और नयी दिल्ली स्थित एम्स में चिकित्सा सेवा के विस्तार और जन औषधि केंद्र का भी उद्घाटन किया। उन्होंने हरियाणा के फरीदाबाद, यूपी के मेरठ समेत कई जगहों पर ईएसआईसी अस्पतालों की आधारशिला रखी। मोदी ने इस अवसर पर ‘यू-विन’ पोर्टल की भी शुरुआत की। इससे टीकाकरण प्रक्रिया डिजिटल बनेगी जिससे गर्भवती महिलाओं और शिशुओं को लाभ होगा। प्रधानमंत्री ने संबद्ध और स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों तथा संस्थानों के लिए भी एक पोर्टल की शुरुआत की। यह मौजूदा स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों और संस्थानों के लिए केंद्रीकृत डेटाबेस होगा।
‘दिल्ली, बंगाल की सरकारों का राजनीतिक स्वार्थ’
कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने कहा, ‘मैं दिल्ली और पश्चिम बंगाल के 70 वर्ष से अधिक उम्र के हर बुजुर्ग से क्षमा मांगता हूं कि मैं आपकी सेवा नहीं कर पाऊंगा। यह मेरे लिए कष्टकारी है। राजनीतिक स्वार्थ के कारण दिल्ली और पश्चिम बंगाल की सरकार ‘आयुष्मान भारत योजना’ से जुड़ नहीं रही है।’ राजनीतिक स्वार्थ के चलते अपने ही राज्य के बीमार लोगों के साथ ‘जुल्म करने की प्रवृत्ति’ मानवता की दृष्टि से किसी भी तराजू पर खरी नहीं उतरती। गौर हो कि दिल्ली में 2025 और पश्चिम बंगाल में 2026 में चुनाव होने हैं।