कोलकाता, 6 नवंबर (एजेंसी)
तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पर शुक्रवार को उनकी ‘‘तुष्टिकरण टिप्पणी” को लेकर निशाना साधा और कहा कि साम्प्रदायिक राजनीति का बंगाल में कोई स्थान नहीं है। तृणमूल कांग्रेस ने शाह के दोपहर भोजन के लिए एक मतुआ परिवार में जाने के कार्यक्रम का मखौल उड़ाया और शरणार्थी समुदाय तक पहुंच बनाने को भाजपा शासित राज्यों में पिछड़े समुदायों पर किये गए अत्याचारों से ध्यान बंटाने का एक ‘‘चुनावी हथकंडा” करार दिया। तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं सांसद सौगत रॉय ने कहा, ‘‘तुष्टिकरण की राजनीति से अमित शाह का क्या मतलब है? वह भाजपा के एक कार्यकर्ता के रूप में बोल रहे थे या देश के केंद्रीय गृह मंत्री के रूप में? सरकार को सभी समुदायों के साथ समानता और सम्मान के साथ व्यवहार करना होता है। मुझे नहीं लगता कि राज्य में अल्पसंख्यकों के विकास के लिए कुछ करना एक अपराध है।” राज्य के मंत्री फिरहाद हाकिम ने भी शाह पर उनके द्वारा मतुआ परिवार के निवास पर दोपहर का भोजन करने के निर्धारित कार्यक्रम को लेकर निशाना साधा और कहा कि यह लोगों को मूर्ख बनाने का एक प्रयास है। हाकिम ने कहा, ‘इसलिए मतुआ समुदाय के किसी व्यक्ति के घर पर दोपहर का भोजन करने का यह नाटक विधानसभा चुनाव से पहले एक चुनावी हथकंडा के अलावा कुछ भी नहीं है। लेकिन वह हर बार लोगों को बेवकूफ नहीं बना सकते हैं और मतुआ लोग भाजपा के दोहरे मानकों से बहुत अच्छी तरह परिचित हैं।” मतुआ मूल रूप से पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) से हैं और वे 1950 के दशक से पश्चिम बंगाल की ओर पलायन कर रहे हैं।