हिंडन (गाजियाबाद), 8 अक्तूबर (एजेंसी)
एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारतीय वायु सेना ने अपने संकल्प, अभियान क्षमता और कभी भी जरूरत पड़ने पर अपने दुश्मन से प्रभावी तरीके से निपटने की इच्छाशक्ति का ‘स्पष्ट’ रूप से प्रदर्शन किया है। उन्होंने वायुसेना दिवस के अवसर पर अपने संबोधन में पूर्वी लद्दाख में वायुसेना की युद्ध संबंधी तैयारियों और बल की त्वरित तैनाती का जिक्र करते हुए यह कहा। वायुसेना प्रमुख ने हिंडन एयरबेस पर 88वें वायुसेना दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्र को आश्वस्त किया कि सभी परिस्थितियों में राष्ट्र की संप्रभुता और हितों की रक्षा के लिए बल हमेशा तैयार रहेगा और स्वयं को विकसित करता रहेगा। पूर्वी लद्दाख में सुरक्षा चुनौतियों का जिक्र करते हुए वायुसेना प्रमुख ने उत्तरी सीमांतों पर हालिया गतिरोध के दौरान वायुसेना के जांबाज योद्धाओं की ‘त्वरित प्रतिक्रिया’ के लिए उनकी सराहना की। साथ ही, किसी भी तरह की परिस्थितियों से निपटने के लिए बहुत कम समय में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर युद्ध संबंधी साजो सामान की त्वरित तैनाती के बारे में भी बात की।
वायुसेना दिवस पर परेड का निरीक्षण करते हुए भदौरिया ने कहा, ‘उत्तरी सीमाओं पर हाल के गतिरोध के दौरान त्वरित प्रतिक्रिया देने के लिए मैं सभी वायु योद्धाओं की सराहना करता हूं, तब हमने किसी भी तरह के हालात से निपटने के लिए संक्षिप्त सूचना पर अपने लड़ाकू साजो सामान को तैनात किया तथा भारतीय सेना के लिए तैनाती और अन्य सभी आवश्यकताओं के लिए सक्रियता से समर्थन प्रदान किया।’
नीली वर्दी वालों पर गर्व : राजनाथ
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वायुसेना दिवस पर शुभकामनाएं दीं और कहा कि सरकार बल की युद्ध क्षमता को बढ़ाने के लिए दृढ़ संकल्पित है। उन्होंने कहा,‘राष्ट्र वायुसेना के शौर्य को सलाम करता है और उसे नीली वर्दी वाले महिलाओं और पुरुषों (वायुसेना कर्मी) पर गर्व है। वायुसेना चुनौतियों का सामना करने और शत्रुओं को खदेड़ने के लिए हरदम तैयार है।
खतरे के हालात और जटिल
वायुसेना प्रमुख ने आगाह किया कि क्षेत्र में खतरे के हालात और जटिल होते जा रहे हैं और उभरते सुरक्षा परिदृश्य में हर तरह के युद्ध-क्षेत्र में लड़ाई के लिए मजबूत वायुसेना की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, ‘हमारे क्षेत्र में उभर रहे सुरक्षा परिदृश्य जटिल होते जा रहे हैं। सैन्य शस्त्रागार में बड़े पैमाने पर निवेश कर रहे महत्वाकांक्षी शत्रुओं से लेकर ऐसे शत्रु भी हैं, जिन्हें सरकार के नियंत्रण से बाहर के तत्व कपटपूर्ण तरीके से मदद दे रहे हैं। इसके अलावा आतंकवाद और साइबर जगत से पैदा होने वाले अर्द्ध परंपरागत खतरे भी क्षेत्र में हैं।’ भदौरिया ने कहा कि विध्वंसकारी प्रौद्योगिकी और ड्रोन जैसे सस्ते विकल्पों तक सुगम पहुंच को देखते हुए अर्द्ध परंपरागत खतरों पर बहुत अधिक ध्यान देने की जरूरत है।