ज्ञान ठाकुर/ निस
शिमला, 13 जुलाई
हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन और बाढ़ के कारण पर्यटक स्थलों पर फंसे सैलानियों को निकालने के अभियान में मौसम सुधरने के साथ तेजी आयी है। हालांकि, जनजीवन अभी भी पटरी पर नहीं लौट पाया है। प्रदेश में 2 राष्ट्रीय राजमार्गों समेत करीब एक हजार सड़कें अभी बंद हैं।
लाहौल स्पीति की चंद्रताल झील और बातल इलाके में करीब 6 दिन से फंसे 308 लोगों को बृहस्पतिवार को सुरक्षित निकाल लिया गया। वहीं, किन्नौर जिले के सांगला से भी 118 पर्यटकों को वायुसेना के हेलीकाॅप्टर के माध्यम से निकाला गया।
लाहौल स्पीति के उपायुक्त राहुल कुमार के अनुसार, चंद्रताल में 253 और बातल में 53 लोग फंसे थे। करीब 36 किलोमीटर सड़क पर बर्फ हटाने के बाद उन्हें सुरक्षित निकाला गया।
सांगला से कड़छम लाए गये पर्यटकों से मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मुलाकात कर उनका हालचाल जाना। उन्होंने कहा कि सरकार पीड़ित लोगों की हर संभव मदद कर रही है। सरकार की प्राथमिकता बिजली, सड़क और पानी जैसी सुविधाओं को तुरंत बहाल करना है। इस बीच, सिरमौर जिले के संगड़ाह से नाहन आ रही एक कार पर पहाड़ से चट्टान गिर गयी। कार चकनाचूर हो गयी, गनीमत रही कि कोई जानी नुकसान नहीं हुआ।
किन्नौर में 800% अधिक बारिश : मौसम विज्ञान विभाग शिमला के निदेशक सुरेंद्र पाॅल के अनुसार प्रदेश में इस बार मानसून ने पिछले सारे रिकाॅर्ड तोड़ दिए हैं। राज्य के 8 जिलोें में सामान्य से अधिक वर्षा दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि किन्नौर जिले में सामान्य से 800 फीसदी अधिक वर्षा दर्ज की गई। इसके अलावा ऊना, हमीरपुर, मंडी, शिमला और सोलन जिलों में जुलाई महीने में बारिश के पिछले सभी रिकाॅर्ड टूट गए हैं। उन्होंने कहा कि 14 जुलाई से प्रदेश में मानसून फिर रफ्तार पकड़ेगा, 15 और 16 जुलाई को राज्य में भारी से बहुत भारी वर्षा का येलो अलर्ट जारी किया गया है।