पुरुषोत्तम शर्मा/ हप्र
सोनीपत, 1 जनवरी
दिल्ली की सीमाओं पर जारी किसान आंदोलन का रुख 4 जनवरी की वार्ता तय करेगी। नये कृषि कानूनों को रद्द करने और फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी दिए जाने की मांगों पर दृढ़ किसान संगठनों ने शुक्रवार को कहा कि यदि सरकार के साथ बातचीत सिरे ना चढ़ी, तो 6 जनवरी को कुंडली व टिकरी बार्डर से ट्रैक्टर यात्रा निकाली जाएगी।
नये साल के पहले दिन संयुक्त किसान मोर्चा की दिनभर बैठक चली है। ऋषिपाल अंबावता, डाॅ. दर्शनपाल, जगजीत दल्लेवाल, मंजीत राय, बूटा सिंह बुर्जगिल, बलबीर सिंह राजेवाल, राकेश टिकैत, युद्धबीर सिंह, शमशेर दहिया, गुरनाम चढ़ूनी समेत पंजाब के 32 और हरियाणा के 18 संगठनों के प्रतिनिधि इस बैठक में मौजूद रहे। भाकियू अ के राष्ट्रीय महासचिव शमशेर सिंह दहिया ने बैठक के बाद बताया कि तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने और एमएसपी पर कानूनी गारंटी की मांग पर किसान अडिग हैं। इस बारे में पिछली बैठक में केंद्र को स्पष्ट कर दिया था और सरकार ने भरोसा दिया है कि 4 जनवरी की वार्ता में इसका हल निकाला जाएगा। उन्होंंने कहा, अगर सरकार मांग पूरी कर देती है, तो किसान अगले ही दिन धन्यवाद करते हुए अपने घरों को लौट जाएंगे, नहीं तो 6 को कुंडली और टिकरी बार्डर से ट्रैक्टरों के साथ शाहजहांपुर बार्डर के लिए कूच करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि किसान इस उम्मीद पर हैं कि सरकार मांग मान लेगी और उन्हें संघर्ष आगे नहीं बढ़ाना पड़ेगा।