दिनेश भारद्वाज
ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 10 जून
हरियाणा में राज्यसभा की दो सीटों के लिए के लिए हुए चुनावों को लेकर बड़ा पेच फंस गया है। सुबह नौ बजे से शुरू हुआ मतदान शाम को चार बजे तक चलना था, लेकिन नब्बे में से 89 विधायकों के वोट करीब दो बजे तक डल गए थे। महम विधायक बलराज सिंह कुंडू ने किसी को भी अपना वोट नहीं डाला। कांग्रेस विधायकों – बीबी बतरा और किरण चौधरी पर गोपनीयता भंग करने के आरोप लगे हैं।
यह विवाद केंद्रीय चुनाव आयोग तक पहुंच गया है। देर रात समाचार लिखे जाने तक भी आयोग ने इस पर कोई फैसला नहीं लिया था। इस वजह से गिनती शुरू नहीं हो पाई। तय कार्यक्रम के हिसाब से शाम को पांच बजे गिनती शुरू होनी थी। विवाद तोशाम विधायक किरण चौधरी और रोहतक विधायक भारत भूषण बतरा द्वारा उनके वोट कांग्रेस के अधिकृत एजेंट विवेक बंसल के साथ जजपा एजेंट दिग्विजय सिंह चौटाला को भी दिखाए जाने के आरोपों ने उलझा दिया है।
केंद्रीय चुनाव आयोग ने वोटिंग प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी तीन बार तलब की। इस बाबत चुनावों के रिटर्निंग अधिकारी राजेंद्र सिंह नांदल का पक्ष भी आयोग ने जाना। हालांकि नांदल इससे पहले ही दिग्विजय सिंह चौटाला, कार्तिकेय शर्मा व विनोद शर्मा आदि की लिखित शिकायतों का निपटारा कर चुके थे। नांदल ने वोट की गोपनीयता भंग होने के आरोपों को खारिज करते हुए किरण और बतरा के वोट को भी वेलिड करार दिया।
आयोग ने नांदल के बयान लिए। साथ ही, उन्हें पूरे घटनाक्रम की वीडियो भेजने को कहा। इस पूरे घटनाक्रम को लेकर भाजपा नेताओं के एक उच्च स्तरीय शिष्टमंडल ने नई दिल्ली में केंद्रीय चुनाव आयोग से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल में मुखतार अब्बास नकवी, गजेंद्र सिंह शेखावत, अर्जुन राम मेघवाल, डॉ़ जितेंद्र सिंह व ओम पाठक शामिल रहे। मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत में नकवी ने कहा कि महाराष्ट्र और हरियाणा के चुनावों में खुलेआम अनियमितता हुई हैं।
उन्होंने कहा कि चुनाव के दिशा-निर्देशों और गोपनीयता के नियमों की धज्जियां उड़ाई गई हैं। भाजपा ने अधिकृत रूप से रिटर्निंग अधिकारी और पर्यवेक्षक का शिकायत की है। गोपनीयता कानून के उल्लंघन को देखते हुए चुनाव को अवैध घोषित करने की मांग आयोग से की है। साथ ही, आग्रह किया गया है कि इस पूरे घटनाक्रम का अध्ययन किया जाए और तब तक मतगणना पर रोक लगाई जाए। आयोग ने आश्वस्त किया है कि वे पूरे मामले में रिपोर्ट लेने के बाद ही कार्रवाई करेंगे।
गिनती पर लगी रोक के खिलाफ कांग्रेस की ओर से पूर्व केंद्रीय मंत्री विवेक बंसल, एमपी के पूर्व एडवोकेट जनरल विवेक तंखा व रणजीत राजन ने केंद्रीय चुनाव आयोग से मुलाकात की। वहीं छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल, पूर्व सीएम व विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा, पी़ चिदंबरम, रणदीप सिंह सुरजेवाला व हरियाणा में चुनावों के अधिकृत एजेंट राजीव शुक्ला वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये इस बैठक में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि भाजपा जान-बूझकर गिनती रुकवा रही है। रिटर्निंग अधिकारी अपना फैसला दे चुके हैं।
निर्दलीय प्रत्याशी कार्तिकेय शर्मा ने आयोग को लिखी शिकायत में कहा है कि बीबी बतरा और किरण चौधरी ने गोपनीयता के नियमों का उल्लंघन किया है। उन्होंने रिटर्निंग अधिकारी आरके नांदल पर गलत फैसला करने के आरोप भी लगाए हैं। केंद्रीय चुनाव आयोग को भेजी शिकायत में कार्तिकेय ने दोनों के वोट रद्द करने की मांग की है। कांग्रेस प्रत्याशी अजय माकन ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर कहा है कि कार्तिकेय शर्मा अपनी हार देखकर साफ-सुथरे चुनाव के परिणाम को रुकवाने या टलवाने की कोशिश में लगे हैं। रिटर्निंग अधिकरी ने बीबी बतरा और किरण चौधरी के वोटों को पहले ही वेलिड घोषित कर दिया है।
यूं शुरू हुआ विवाद
दरअसल, विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा की कोठी से किरण चौधरी सीधे विधानसभा पहुंच गई थी। चुनाव एजेंट होने के नाते आफताब अहमद व बीबी बतरा वहां पहले से मौजूद थे। पहले बतरा ने अपना वोट डाला। नियमों के तहत दोनों को अपना वोट अधिकृत चुनाव एजेंट विवेक बंसल को दिखाना था। अपनी-अपनी बार में दोनों ने अपना वोट बंसल को दिखाया भी। बतरा ने जब अपना वोट दिखाया तो बंसल के साथ वाले केबिन में बैठे जजपा एजेंट दिग्विजय सिंह चौटाला ने कहा कि बतरा ने अपना वोट उन्हें दिखाया है। कार्तिकेय शर्मा, विनोद शर्मा भी उसी समय सीट से उठे और उन्होंने कहा कि बतरा ने गोपनीयता भंग की है और उनका वोट कैंसल किया जाए। इसी तरह से किरण चौधरी पर भी गोपनीयता भंग करने के आरोप लगे।
रिटर्निंग अधिकारी ने यह दिया फैसला
कार्तिकेय शर्मा, दिग्विजय सिंह चौटाला, विनोद शर्मा आदि की शिकायत रिटर्निंग अधिकारी आरके नांदल को दी गई। जिस समय यह पूरा विवाद हुआ उस समय केंद्रीय चुनाव पर्यवेक्षक राजेश अग्रवाल व हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी व पर्यवेक्षक अनुराग अग्रवाल भी पोलिंग स्टेशन में मौजूद थे। रिटर्निंग अधिकारी आरके नांदल ने इस पूरे घटनाक्रम की वीडियो देखी। वीडियो देखने के बाद उन्होंने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि किसी भी तरह से गोपनीयता भंग नहीं हुई है। उन्होंने किरण और बतरा के वोट को भी वेलिड करार दे दिया। इस फैसले को केंद्रीय चुनाव आयोग में चुनौती दी गई।
बस में सवार होकर पहुंचे विधायक
सप्ताहभर रायपुर में रुकने के बाद कांग्रेस के 28 विधायक बृहस्पतिवार की रात नई दिल्ली पहुंच गए थे। वे राजस्थान भवन में रुके हुए थे। शुक्रवार को सुबह वे वोल्वो बस से सीधे पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकारी कोठी पर पहुंचे। यहां हुई मीटिंग के बाद बस में सवार होकर ही सभी विधायक मतदान करने के लिए विधानसभा पहुंचे।
दोबारा विस पहुंची किरण
किरण चौधरी वोट डालने के बाद मतदान केंद्र से चली गई थीं। विवाद बढ़ने के बाद वे शाम को वापस आईं। बताते हैं कि उन्होंने वहां मतदान प्रक्रिया की वीडियो देखी और कहा कि इसमें तो मैंने कोई गोपनीयता भंग नहीं की। भाजपा वाले ऐसे ही मुद“दा बना रहे हैं। किरण ने कहा, मैं सात बार राज्यसभा के लिए वोट डाल चुकी हूं। मैं दिग्विजय को वोट दिखाऊंगी क्या? उन्होंने कहा कि इससे सरकार की हताशा नज़र आती है। मैंने किसी को भी अपनी वोट नहीं दिखाई।
कुलदीप के वोट पर संशय
आदमपुर विधायक कुलदीप बिशनोई के वोट पर ‘संशय’ बना हुआ है। इस तरह की भी खबरें में हैं कि उन्होंने क्रॉस वोटिंग की है, लेकिन गिनती हुए बिना इसे सही भी नहीं माना जा सकता। इसे पूरे घटनाक्रम पर कांग्रेस के हरियाणा मामलों के प्रभारी विवेक बंसल सहित अधिकतर कांग्रेस नेताओं ने चुप्पी साधी हुई है। हालांकि एक-दो विधायकों ने दबी जुबान में यह जरूर कहा है कि कुछ गड़बड़ तो हुई है। कुलदीप काफी दिनों से पार्टी नेतृत्व से खफा चल रहे हैं। बहरहाल, अगर उन्होंने क्रॉस वोटिंग की है तो इससे साफ है कि वे अपनी अलग राह पकड़
फैक्ट फाइल
- राज्यसभा की दो सीटों के लिए तीन उम्मीदवार होने से रोचक हुआ था मुकाबला
- भाजपा ने पहली सीट के लिए पूर्व मंत्री कृसण लाल पंवार को बनाया प्रत्याशी
- दूसरी सीट पर कांग्रेस ने पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन को दिया था टिकट
- माकन के मुकाबले जजपा के समर्थन से कार्तिकेय शर्मा थे चुनावी रण में
- चुनाव आयोग ने तीन बार मंगवाई वीडियो रिकार्डिंग
- कार्तिकेय शर्मा और दिग्विजय सिंह चौटाला ने की चुनाव आयोग को शिकायत
- रिटर्निंग अधिकारी आरके नांदल के फैसले से सहमत नहीं हुए चुनाव एजेंट
- 89 विधायकों ने डाला वोट, बलराज कुंडू ने नहीं किया मतदान