नयी दिल्ली, 5 नवंबर (एजेंसी)
वक्फ (संशोधन) विधेयक पर विचार कर रही संसद की संयुक्त समिति में शामिल विपक्षी सांसदों ने मंगलवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात कर समिति के अध्यक्ष और भाजपा सांसद जगदंबिका पाल द्वारा कथित तौर पर लिए जा रहे एकतरफा निर्णयों के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराया। तृणमूल कांग्रेस के सांसद और समिति के सदस्य कल्याण बनर्जी ने कहा, ‘लोकसभा अध्यक्ष ने बहुत धैर्यपूर्वक हमारी बात सुनी और कहा कि वह इस मामले को देखेंगे।’ आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह और द्रमुक सांसद ए राजा ने भी इसी बात का उल्लेख किया। सूत्रों का कहना है कि सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष को वह पत्र सौंपा है जिसमें पाल के कथित एकतरफा फैसलों को लेकर विरोध दर्ज कराया गया है। अपने आरोपों में विपक्षी सदस्यों का कहना है कि पाल कभी-कभी समिति की तीन दिन की लगातार बैठक बुला लेते हैं। उन्होंने बिरला के नाम लिखे पत्र में यह दावा भी किया कि समिति की कार्यवाही में उनको अनसुना किया गया तथा ऐसे में वे इस समिति से खुद को अलग करने के लिए मजबूर हो सकते हैं।
हमें वक्फ बोर्ड दायरे से बाहर रखें : दाऊदी बोहरा समुदाय
दाऊदी बोहरा समुदाय के प्रतिनिधियों ने वक्फ संशोधन विधेयक पर विचार कर रही संसद की संयुक्त समिति से मंगलवार को आग्रह किया कि उनके समुदाय को किसी भी वक्फ बोर्ड के दायरे से बाहर रखा जाए। उनका कहना था कि वक्फ संशोधन विधेयक उनके विशेष दर्जे का उल्लेख नहीं करता। इस समुदाय के प्रतिनिधियों की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे समिति के समक्ष पेश हुए। समुदाय की ओर से िदये गये आवेदन में कहा गया कि यह एक ‘छोटा और मजबूती से जुड़ा हुआ’ संप्रदाय है।