नयी दिल्ली (एजेंसी) :
सुप्रीम कोर्ट ने इस बात की समीक्षा करने पर सहमति जताई है कि शिक्षा, उपभोक्ता संरक्षण कानून के तहत आने वाली सेवा है या नहीं। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस बीवी नागरत्ना की पीठ ने कहा कि इसी तरह का कानूनी मुद्दा एक अन्य मामले में लंबित है। पीठ ने इसे लंबित मामले के साथ संलग्न कर दिया। शीर्ष अदालत राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के एक आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही है। आयोग ने आदेश में कहा था कि शैक्षणिक संस्थान उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 के दायरे में नहीं आते और तैराकी जैसी गतिविधियों समेत शिक्षा उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 के तहत ‘सेवा’ नहीं है।