सोनीपत, 12 फरवरी (हप्र)
तीन कृषि कानूनों के विरोध में उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के बिलारी गांव में हुई महापंचायत में भाकियू राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा कि केंद्र सरकार को किसानों के अपमान के लिए एक दिन जरूर माफी मांगनी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि अब तो किसान कानून रद्द कराकर ही दम लेंगे।
टिकैत ने इससे पहले गन्ना समिति परिसर स्थित चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। उन्होंने कहा कि सरकार हठधर्मिता वाला रवैया अपनाए हुए है। उन्होंने कहा कि सबने वोट किया और एक अच्छी सरकार बनाई पर, जो किसान के हित का ख्याल न रखे, वह कैसी सरकार है। सरकार का सिक्का जहां चलना था वहां चल गया, यहां नहीं चलने वाला है। किसानों के हित से कोई समझौता नहीं होने वाला है। सरकार बातचीत जरूर कर रही है, लेकिन किस से कर रही है यह पता नहीं है।
उन्होंने किसानों का आहवान किया कि शांति और अनुशासन का हथियार नहीं छोड़ें, दिल्ली के आंदोलन को मजबूत करें। उन्होंने कहा कि सरकार ने आंदोलन की जो खिल्ली उड़ाई है, इससे सम्मान को ठेस पहुंची है और इसके लिए सरकार को एक दिन माफी मांगनी पड़ेगी।
12 संगठनों से की चर्चा
नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित समिति ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल समेत 8 राज्यों के 12 किसान संगठनों के साथ विचार-विमर्श किया। समिति अब तक 7 बैठकें कर चुकी है। समिति ने एक बयान में कहा कि उसने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से वार्ता की। इसके मुताबिक, आंध्र प्रदेश, बिहार, जम्मू-कश्मीर, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के किसानों एवं 12 संगठनों ने चर्चा की और अपने विचार एवं सुझाव साझा किए।
दिल्ली की कील निकालकर ही लौटेंगे
बहादुरगढ़ (निस) : बहादुरगढ़ बाईपास पर दलाल खाप-84 की ओर से तीन कृषि कानूनों को लेकर 79 दिन से चल रहे धरने के बीच शुक्रवार को हुई किसान महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत, गुरूनाम सिंह चढ़ूनी ने एक बार फिर तीनों कानूनों को रद्द करने की मांग उठाई। अगर सरकार आज बात करना चाहे तो भी तैयार हैं, अगर 10 दिन बाद या फिर अगले साल बात करना चाहे तो भी हम तैयार हैं। हम दिल्ली में कीलें उखाड़े बिना यहां से लौटेंगे नहीं। टिकैत ने कहा कि आंदोलन की बागड़ोर अब खापों ने अपने हाथों में ले ली है, अब कोई भी किसानों को हरा नहीं सकता।