हरीश लखेड़ा/ ट्रिन्यू
नयी दिल्ली, 17 सितंबर
संसद के उच्च सदन राज्यसभा ने चीन को कड़ा संदेश दिया है। लद्दाख में चीन के साथ तनाव के मद्देनजर बृहस्पतिवार को विपक्षी दल कांग्रेस समेत सभी दलों ने कहा कि वे इस मसले पर सरकार, सेना के साथ हैं और चीन को एलएसी पर अप्रैल की स्थिति में वापस जाना चाहिए। इससे पहले इस मसले पर सदन को जानकारी देते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि चीन की कथनी और करनी में अंतर है। चीन की ओर से द्विपक्षीय समझौतों का उल्लंघन करने से ही यह तनाव पैदा हुआ। रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत बातचीत का पक्षधर है मगर झुकने वालों में से नहीं है। उन्होंने चीन को चेतावनी देते हुए कहा कि भारत की सुरक्षा के लिए चाहे जितना कड़ा कदम उठाना पड़े, हम उठाने को तैयार हैं। हम देश का मस्तक नहीं झुकने देंगे, न किसी का मस्तक झुकाना चाहते हैं। हमारे सैनिक चीन की सेना की आंख से आंख मिला कर खड़े हैं। भारत की सेना को पैट्रोलिंग से कोई नहीं रोक सकता, इसका पैटर्न नहीं बदलेगा।
राजनाथ ने विस्तार से घटनाक्रम का उल्लेख करते हुए कहा कि चीन ने द्विपक्षीय समझौतों का उल्लंघन किया। चीन ने सीमा पर सैनिक जुटाए, जो 1993 और 1996 में हुए समझौतों के खिलाफ है। मई में चीन ने गलवान में भारतीय सैनिकों की पैट्रोलिंग रोकी। भारतीय सैनिकों ने 15 जून को गलवान में चीनी सेना को तगड़ा जवाब दिया। जवानों ने इन सभी घटनाओं के दौरान जहां संयम दिखाना था, वहां संयम दिखाया और जहां शौर्य की जरूरत थी वहां शौर्य दिखाया।
रक्षामंत्री के बयान के बाद कई सांसदों ने स्पष्टीकरण की मांग की। इस पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि यह संवेदनशील मुद्दा है और सेना सीमा पर खड़ी है। नायडू ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक दुष्प्रचार चल रहा है कि भारत में इस मुद्दे पर मतभेद हैं। इसलिए सदन को ऐसा संदेश देना चाहिए कि पूरा देश और संसद सेना के साथ एकजुट हैं। नायडू ने रक्षा मंत्री को सुझाव दिया कि वे प्रमुख नेताओं को अपने कक्ष में बुलाकर जानकारी दें।
राजनाथ ने ताजा हालात के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि कई जगहों पर तनाव की स्थिति है। चीन ने सीमा पर जवानों की भारी तैनाती की है और गोला-बारूद जुटाया है। भारतीय सेना ने भी काउंटर डिप्लॉयमेंट किया है। उन्होंने कहा कि हम मसले को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, लेकिन साथ ही किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं। रक्षा मंत्री ने कहा कि हमने राजनयिक एवं कूटनीतिक माध्यम से पड़ोसी देश को बता दिया है कि यथास्थिति में एकतरफा ढंग से बदलाव का कोई भी प्रयास अस्वीकार्य होगा। रक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि पाकिस्तान ने अवैध रूप से 5180 वर्ग किलोमीटर की भारतीय जमीन चीन को दे दी है।
चीनी सैनिक अप्रैल में जहां थे, वहीं लौटें
सदन में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा कि देश की एकता और अखंडता के मुद्दे पर हम सब एक हैं। उनकी पार्टी चीन के साथ विवाद के मुद्दे पर पूरी तरह से सरकार के साथ खड़ी है। यह प्रयास होना चाहिए कि चीनी सैनिक अप्रैल में जहां थे, वहीं लौटें। पूर्व रक्षा मंत्री व कांग्रेस नेता एके एंटनी ने कहा कि सीमा पर गश्त प्रणाली में बदलाव नहीं होना चाहिए। कांग्रेस के साथ ही जेडीयू, सपा, शिवसेना, आप, आरजेडी, द्रमुक, तृणमूल कांग्रेस, बीजेडी, बसपा समेत सभी दलों ने रक्षा मुद्दे पर सेना और सरकार के साथ खड़े रहने की प्रतिबद्धता जताई।