नयी दिल्ली, 9 नवंबर (एजेंसी)
प्रसिद्ध लेखक रस्किन बॉन्ड का कहना है कि लेखक कभी सेवानिवृत्त नहीं होते और अगर उन्हें हर दिन लिखने की आजादी न हो तो जीवन दूभर हो जाता है। बॉन्ड खुद को ‘खुशकिस्मत’ मानते हैं जिसके कारण वह करीब 70 साल से अपना सबसे पसंदीदा कार्य लेखन कर रहे हैं । बॉन्ड की एक और किताब ‘हाउ टू बी ए राइटर’ आयी है जिसमें उनके सफल लेखन जीवन की झलक है । किताब लिखने की तैयारी कर रहे लोगों को व्यवहारिक सलाह दी गयी है और बॉन्ड ने हल्के फुल्के अंदाज में इसे बताने की कोशिश की है। बॉन्ड लिखने को दुनिया में सबसे सहज और बहुत खुशी का काम मानते हैं। उन्होंने कहा, ‘अपने विचारों को शब्दों में ढालने के काम को मैं बहुत पसंद करता हूं। मैं दिनचर्या को इस तरह बनाता हूं कि कविता, कहानी लेखन के समय मिल जाए। लिखना मेरे लिए केवल पेशा नहीं है बल्कि इससे मुझे खुशी भी मिलती है। अगर लिखने की आजादी नहीं होती तो यह जीवन दूभर हो जाता।’ बॉन्ड ने कहा, ‘महत्वपूर्ण चीज है लिखते रहना, चीजों पर गौर करना, सुनना और शब्दों और वाक्य विन्यास की सुदंरता पर ध्यान देना ।’ बॉन्ड ने कहा कि वह हर किसी को खुश करने के लिए नहीं बल्कि अपने लिए लिखते हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं आभारी हूं कि मुझे लिखने की आजादी मिलती रही और रोजी-रोटी भी चलती रही। इसके साथ ही लोगों के सुख-दुख का भागी बनने का मौका मिलता रहा। एक कलाकार की जिंदगी पर पकड़ कभी कमजोर नहीं होनी चाहिए। हम बूढे होने पर सुरक्षा के लिहाज से आरामदायक जिंदगी गुजारना चाहते हैं। लेकिन लेखक कभी सेवानिवृत्त नहीं होते।’ रस्किन बॉन्ड की किताब का हार्पर कोलिंस इंडिया ने प्रकाशन किया है।