यह शिकायत तो खैर हमेशा ही रही है कि उनकी तरफ कोई ध्यान नहीं देता। लेकिन अब तो हद हो गयी साहब, मणिपुर पिछले महीनेभर से देश का ध्यान अपनी ओर खींचने की कोशिश कर रहा है। वहां इतनी जबर्दस्त मार-काट मची है। दो समुदाय एक-दूसरे की जान के दुश्मन बने हुए हैं। फिर भी कोई ध्यान नहीं दे रहा। राजस्थान में मीणा और गूजर लड़े थे तो सबका ध्यान फौरन उस तरफ चला गया था। हरियाणा में जाट आंदोलन के समय जाट एक ओर थे और बाकी सब दूसरी ओर। सबका ध्यान तुरंत ही उधर चला गया था।
ठीक है भाई तब राजस्थान में भी भाजपा की सरकार थी और हरियाणा में भी भाजपा की ही सरकार थी। तो अब मणिपुर में भी तो भाजपा की ही सरकार है, उस तरफ कोई ध्यान क्यों नहीं दे रहा। बात डबल इंजन की नहीं है कि वहां एक इंजन खराब हुआ पड़ा है। खराब ही नहीं बल्कि डिरेल हुआ पड़ा है। बेशक वहां इंजनों की कमी नहीं है। पूरे पूर्वोत्तर में इंजन ही इंजन हैं। खुद भाजपा इस पर गर्व करती है कि केंद्र के इंजन के साथ वहां सारे के सारे इंजन उसी की गाड़ी में लगे हुए हैं। फिर भी कभी असम और मेघालय की पुलिस में दनादन गोलियां चलने लगती हैं और कभी मणिपुर में कुकी और मेतेई के बीच मार-काट शुरू हो जाती है।
इसके बावजूद कोई उधर ध्यान ही नहीं दे रहा। ठीक है कि टीवी चैनलों पर हमेशा हिंदू-मुसलमान होता रहता है। करो। पर कभी कुकी-मेतेई भी तो कर लो यार। क्या गूजर-मीणा नहीं किया था, क्या जाट और अन्य नहीं किया था? अच्छी बात है जंतर-मंतर पर बैठी महिला पहलवानों को दिखाया। पुलिस द्वारा उन्हें घसीटना दिखाया, यह और अच्छी बात है और अब जब आप आंदोलन करने वाले किसानों को भी दिखाने लगे हैं तो जख्मों से भरे मणिपुर की तरफ भी देख लेते। महाराष्ट्र से लेकर मध्यप्रदेश तक सब तरफ तो ध्यान चला जाता है, बस पूर्वोत्तर की तरफ ही नहीं जाता। वहां त्रिपुरा में भाजपा वाले जिस तरह से विपक्ष वालों को कूटते हैं, उसे तो चलो मत देखो। पर जख्मों से भरे मणिपुर को तो देख लो। दंगों के चलते कोई घर छोड़कर भागा हुआ है, तो कहीं आतंकवादी मारे जाते हैं।
यह तो हो सकता है कि वहां सब तरफ भाजपा ही भाजपा है तो फिर देखना क्या और दिखाना क्या। लेकिन इससे भाजपा के मुख्यमंत्रियों के नाराज होने का खतरा हो सकता है। अकेले हेमंत विश्व शर्मा को राहुल गांधी का मजाक बनाते आखिर कितना देखोगे और दिखाओगे। कभी मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह को भी देख लो और दिखा दो जिन्होंने मणिपुर को राष्ट्रीय चर्चा का विषय बनने लायक बना दिया।