कपूरथला, 23 दिसंबर (निस)
ब्यास दरिया पर बसे 16 टापूनुमा गांवों को देश की आजादी के बाद पहली बार स्थायी पुल की सुविधा मिली है। 73 वर्ष बाद 16 गांवों के लोगों की सुनी गई है। दशकों से मुख्यमंत्री के साथ सीधा संपर्क देखने की चाह रखने वाले बाऊपुर टापू के नाम से जाने जाते 16 गांवों के लोगों के लिए आज का दिन किसी सपने के पूरा होने से कम नहीं था। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की ओर से 2018 में श्री गुरु नानक देव जी के 549वें प्रकाशोत्सव मौके इस पुल का नींव पत्थर रखा था। जिसका उद्धघाटन आज सुल्तानपुर लोधी के विधायक नवतेज सिंह चीमा ने किया। 11 करोड़ 19 लाख रुपए की लागत से तैयार 180 मीटर लंबा पुल शुरु होने से 16 गांवों के 7 हजार लोगों ने राहत की सांस ली है। श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की गुरबाणी का आसरा प्राप्त करने उपरांत उद्धघाटन मौके विधायक चीमा ने कहा कि जब पुल का नींव पत्थर रखा गया था तो लोगों को यकीन नहीं था कि यह पुल तैयार भी होगा। क्योंकि वर्ष 2011 के बाद शिअद-भाजपा सरकार दौरान अलग-अलग पुलों के दो बार नींव पत्थर रखे गए लेकिन काम शुरु नहीं हुआ। कांग्रेस सरकार द्वारा इस पुल को रिकार्ड समय में मुकम्मल करवाया गया है। गांव बाऊपुर जदीद, बाऊपुर कदीम, संगाड़ा, मंग मुबारकपुर, रामपुर गौड़ा, भैणी कादर बख्श, मंड संगड़ा, किशनपुर गटका, मुहम्मदाबाद, भैणी बहादुर, मंड ढुंडा, मंड भीम जदीद व गांव आलम खानवाला इससे पहले पलटून पुल के जरिए जुड़े हुए थे। गांववासियों ने बताया कि कोई उनके गांवों में रिश्ता तक करने भी नहीं आता था। इसके अलावा बच्चों की पढ़ाई, स्वास्थ्य सेवाएं व किसानों को फसल बीजने, मंडी तक ले जाने में भी भारी दिक्कत का सामना करना पड़ता था।
इस अवसर मौके पर मार्केट कमेटी चेयरमैन परविंदर सिंह पप्पा, एसडीएम सुल्तानपुर लोधी डा.चारुमिता, डीएसपी सुल्तानपुर लोधी सरवण सिंह बल, एसडीओ बलबीर सिंह, मार्किट कमेटी वाइस चेयरमैन दीपक धीर राजू, बीडीपीओ गुरप्रताप सिंह गिल, गुरमेज सिंह सरपंच, गुरमीत सिंह सरपंच, जगदीप सिंह सरपंच, कांग्रेसी नेता सुरिंदर अरोड़ा, बलदेव सिंह टीटा, पूर्व पार्षद नरिंदर सिंह पन्नू, रविन्द्र रवि पीए, बलजिंदर कुमार पीए, भूषण छुरा, जसविंदर सिंह सरपंच, बाबा कश्मीरा सिंह, अलावा गांवों के सरपंच-पंच व गांव निवासी मौजूद थे।
माझा के साथ सीधे संपर्क के लिए उठाएंगे मुद्दा
सुल्तानपुर लोधी हलका के विधायक नवतेज सिंह चीमा ने कहा कि इस पुल के बनने से सुल्तानपुर लोधी व तरनतारन को सीधे तौर पर जोड़ने के लिए भी वह पंजाब सरकार के समक्ष मुद्दा उठाएंगे। इस पुल के जरिए आगे दोआबा व माझा क्षेत्र के धार्मिक स्थानों को सीधा जोड़ा जा सकेगा। जिससे दोनों शहरों के बीच दूरी भी 30 किलोमीटर कम हो जाएगी।