राजीव तनेजा
मोहाली/चंडीगढ़, 19 जून
किफायती और मानक उच्च शिक्षा तक राज्य के नौजवानों की पहुंच बढ़ाने के उद्देश्य से किये एक महत्वपूर्ण फैसले में मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्ववाली पंजाब कैबिनेट ने सोमवार को पंजाब के 16 नये सरकारी कॉलेजों में सहायक प्रोफेसरों के 320 पद सृजित करने को मंजूरी दे दी। इस सम्बन्धी फैसला मुख्यमंत्री के नेतृत्व में आज यहां पंजाब सिविल सचिवालय में हुई मंत्रिमंडल की मीटिंग के दौरान लिया गया। मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता ने बताया कि ये कॉलेज 2021-22 में शुरू किये गए थे। कैबिनेट ने इन कॉलेजों के लिए लाइब्रेरी रिस्टोरर के 16 और लैब अटेडेंट के 64 पद कायम करने की भी मंज़ूरी दे दी। इस फैसले से इन नये खुले कॉलेजों में ज़रूरी प्रोफेसरों और अन्य स्टाफ की तैनाती यकीनी बनेगी।
वहीं कैबिनेट ने सरकारी कॉलेजों में 645 सहायक प्रोफेसरों की सीधी भर्ती के लिए आयु सीमा 37 साल से 45 साल करने की मंजूरी दे दी। इससे राज्य के सभी सरकारी कॉलेजों में रेगुलर सहायक प्रोफेसरों को तैनात करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा अलग-अलग कॉलेजों में पहले ही नान-रेगुलर श्रेणी में काम करने वालों को पीपीएससी के द्वारा सहायक प्रोफेसरों के रेगुलर पद पर सीधी भर्ती के लिए आवेदन करने का मौका मिलेगा। इससे विद्यार्थियों की मानक उच्च शिक्षा तक पहुंच यकीनी बनने के साथ-साथ तजुर्बेकार आवेदक, जिनके पास संतोषजनक अकादमिक योगदान होगा, का एक बड़ा पुल चयन के लिए उपलब्ध होगा। उधर अमृतसर और पटियाला के सरकारी डेंटल कॉलेजों और अस्पतालों के अलग-अलग विभागों में टीचिंग फेकल्टी की कमी का नोटिस लेते हुये कैबिनेट ने पंजाब डेंटल एजुकेशन सर्विस (ग्रुप ए) रूल्ज 2016 की धारा 8 की उपधारा 4 में दर्ज करने के लिए चौथे संशोधन को मंजूरी दे दी। इससे पंजाब सरकार की तरफ से पंजाब मेडीकल शिक्षा सर्विस (ग्रुप ए) में से संशोधन की तर्ज़ पर तरक्की के द्वारा पंजाब सिविल डेंटल सर्विसेज़ से सहायक प्रोफेसरों के पद भरने के लिए आयु सीमा 37 से बढ़कर 45 वर्ष हो जायेगी, जिससे सहायक प्रोफेसर से एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर के पदों के लिए योग्य उम्मीदवार उपलब्ध होने यकीनी बनेंगे। आयु सीमा 45 साल तय होने से इस फैसले से जहां डेंटल विद्यार्थियों के लिए मानक शिक्षा यकीनी बनेगी, वहीं लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया होंगी।
परिवार से बाहर पावर आफ अटार्नी पर स्टैंप ड्यूटी
कैबिनेट ने इंडियन स्टैंप एक्ट 1899 के शैड्यूल 1 ए में इंदराज नंबर 48 में संशोधन को भी मंज़ूरी दे दी, जिससे अब खून के रिश्तों से बाहर प्रॉपर्टी के लिए पावर ऑफ अटार्नी जारी करने के लिए लगते कलेक्टर रेट या तय राशि के 2 प्रतिशत की स्टैंप ड्यूटी लागू कर दी है। यह ड्यूटी पारिवारिक सदस्यों (जैसे कि पति/पत्नी, बच्चे, माता पिता, बहन/भाई, दादा/दादी और पोता/पोती) के अलावा किसी व्यक्ति को पावर आफ अटार्नी देने पर लागू होगी।
एजुकेशनल ट्रिब्यूनल को अधिक अधिकार
कैबिनेट ने पंजाब एफीलिएटिड कॉलेजिज़ (सिक्योरटिज़ ऑफ सर्विस आफ एंपलाइज़), एक्ट 1974 में संशोधन करने की भी मंज़ूरी दे दी। इससे पंजाब एजुकेशनल ट्रिब्यूनल को अपने फ़ैसले लागू करवाने के लिए अधिक अधिकार मिलेंगे। इसके अलावा ट्रिब्यूनल का कोरम प्रभाषित होगा और ट्रिब्यूनल की तरफ से मामलों के प्रभावशाली तरीके से निपटाने के लिए बैंचों के गठन करने की इजाज़त होगी।