समराला (निस)
कृषि एवं किसान कलयाण के विशेष मुख्य सचिव केपी सिन्हा, पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सतबीर सिंह गोसल ने अपने सहयोगियों के साथ पीएयू के अनुसंधान केन्द्र केवीके समराला के कृषिविदों के साथ गांव बोंदली और पपरोड़ी में सतही बीजक तकनीक से बोए गए गेहूं के खेतों का दौरा किया। सिन्हा भरपूर फसल देखकर खुश हुए और सरफेस सीडर जैसी पर्यावरण अनुकूल तकनीक से गेहूं की बुआई करने के लिए किसानों की सराहना की। इस दौरान डॉ. सतबीर सिंह गोसल ने कहा कि सरफेस सीडर से बोया गया गेहूं एक समान होता है। उन्होंने बताया कि इस प्रकार बोई गई गेहूं की फसल जड़ों से मजबूत रहती है, परत घनी होने के कारण सिंचाई की कम आवश्यकता होती है। इसमें खरपतवार की वृद्धि भी कम होती है। डॉ अजमेर सिंह ने कहा कि इस तकनीक से कार्यान्वयन में आसानी और सतही बीजारोपण-सह-मल्चिंग की कम लागत आती है।