अमृतसर (एजेंसी) : थलसेना अध्यक्ष जनरल मनोज पांडे ने रविवार को अपनी पत्नी अर्चना पांडे के साथ अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर में माथा टेका। उन्होंने कुछ समय शबद कीर्तन भी सुना। बाद में उन्हें अकाल तख्त पर भी माथा टेका। स्वर्ण मंदिर के सूचना केंद्र पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पदाधिकारियों ने उन्हें सम्मानित किया और सिख धर्म से जुड़ी किताबें, स्वर्ण मंदिर की प्रतिकृति और शॉल भेंट की। सूचना केंद्र से रवाना होने से पहले आगंतुक पुस्तिका में पांडे ने लिखा, ‘स्वर्ण मंदिर में मत्था टेकने का सौभाग्य पाकर धन्य महसूस कर रहा हूं। मैंने ईश्वर से सेना के सभी जवानों के कल्याण और उनके बेहतर स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना की।’
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।