चंडीगढ़, 21 अप्रैल (ट्रिन्यू)
पंजाब में समय पर कर्ज की अदायगी नहीं किए जाने के चलते किसानों के गिरफ्तारी वारंट जारी होने शुरू हो गए हैं। कई जिलों में तो किसानों को हिरासत में लिए जाने की खबर है। सरकार की इस कार्रवाई से किसान संगठन उग्र हो रहे हैं। पंजाब में इस समय भारी संख्या में किसान ऐसे हैं जिन्होंने सहकारी बैंकों से कर्ज ले रखा है। कर्ज की अदायगी नहीं किए जाने के चलते बैंकों ने किसानों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। पहले जहां दागी किसानों के घरों पर नोटिस लगाए जा रहे थे वहीं अब बैंकों ने किसानों के वारंट जारी करवाने शुरू कर दिए हैं। पंजाब में पिछले एक सप्ताह के दौरान करीब ढाई हजार किसानों के वारंट जारी किए गए हैं। इसमें फिरोजपुर जिले में सबसे अधिक पांच सौ किसान हैं, जिनके गिरफ्तारी वारंट जारी किए गए हैं। पंजाब के कई जिलों में पिछले चार दिनों से किसानों को हिरासत में भी लिया जा रहा है। किसान नेता बूटा सिंह शादीपुर ने कहा कि पंजाब में पिछले चार दिनों से किसानों को पकड़ा जा रहा है। जगह-जगह किसानों के वारंट जारी किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब में अब तक हजारों किसानों के वारंट जारी हो चुके हैं। किसान नेता भारतीय किसान यूनियन के प्रधान बलवीर सिंह राजेवाल ने कहा कि सहकारी संस्थाओं की तरफ से धारा 67-ए के तहत किसानों को गिरफ्तार किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि पंजाब में बरनाला सरकार के कार्यकाल के दौरान लंबे संघर्ष के बाद सहकारी एक्ट की धारा 67-ए को खत्म करवाया गया था। अब मान सरकार ने फिर से इसी धारा के तहत कार्रवाई करते हुए किसानों की धरपकड़ शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने किसानों के खिलाफ कार्रवाई को बंद नहीं किया तो पंजाब के किसान आंदोलन की राह पकड़ेंगे।
कुर्की करने आये अधिकारियों को बैरंग लौटाया
कपूरथला (निस) : गांव तरखानावाली में कर्ज न चुकाने के कारण पुलिस टीम के साथ गए बैंक अधिकारियों को विरोध का सामना करना पड़ा। गांववासियों के अतिरिक्त किरती किसान यूनियन के नेता भी किसान के पक्ष में आ खड़े हुए। पुलिस की मौजूदगी में विरोध के चलते बैंक अधिकारी बिना कुर्की किए बैरंग लौट आए। किरती किसान यूनियन के जिला प्रधान बलविंदर सिंह भुल्लर और सचिव तरसेम सिंह बन्नेमल्ल ने बताया कि गांव तरखानावाली के किसान कुलवंत सिंह पुत्र परगन सिंह ने बैंक में 6 कनाल जमीन की लिमिट बनवा कर कर्ज लिया हुआ था। कुछ वर्षों से जमीन से उत्पादन में कमी के चलते किसान बैंक की किस्तें अदा नहीं कर सका। जिसके चलते बैंक अधिकारियों ने जमीन की डिग्री करवा कर कुर्की के आदेश ले लिए। कुर्की करने के लिए बैंक अधिकारी तहसीलदार और पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। गांववासियों और उनकी यूनियन ने विरोध किया और उन्हें बिना कुर्की किए वापस लौटा दिया। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि बैंक अधिकारी किसी भी किसान की जमीन की कुर्की करने पहुंचेंगे तो उनका विरोध किया जाएगा और धरने देने के लिए यूनियन मजबूर होगी।
इस अवसर पर ढिलवां ब्लॉक प्रधान कुलविंदर सिंह भंडाल बेट, दलबीर सिंह धालीवाल, गुरपाल सिंह, चरणजीत सिंह, कर्मजीत सिंह, राजिंद्र सिंह, अनूप सिंह, जगगी, जत्थेदार शमशेर सिंह, मास्टर बलबीर सिंह शामिल थे।
वारंट पर रोक लगाए सरकार : शिअद
चंडीगढ़ (ट्रिन्यू) : शिरोमणी अकाली दल ने मुख्यमंत्री भगवंत मान से कोऑपरेटिव बैंकों को उन किसानों के खिलाफ गिरफ्तारी के वारंट जारी करने पर रोक लगाने का निर्देश देने को कहा है, जो फसल खराब होने के कारण बिगड़ती वित्तीय स्थिति और खेती पर आने वाली लागत में तेजी से आई बढ़ोतरी के कारण अपना कर्जा चुकाने में विफल रहे हैं। शिअद नेता दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि पंजाब कृषि विकास बैंक से लिए गए कर्ज को चुकाने में विफल रहने पर बठिंडा, मानसा, फिरोजपुर और फाजिल्का जिलों के किसानों को गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं।
उन्होंने कहा कि अधिकांश कर्ज को चुकाने में विफल रहने वाले किसान कपास बेल्ट के हैं। चीमा ने गिरफ्तारी वारंट को तत्काल वापिस लेने की मांग करते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार को किसानों की हरसंभव मदद करनी चाहिए। किसानों को गेंहू की फसल के खराब होने की भरपाई के लिए 500 रुपये प्रति क्विंटल बोनस दिया जाए।