चंडीगढ़, 1 फरवरी (एजेंसी)
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरेंद्र सिंह ने केन्द्रीय बजट की आलोचना करते हुए कहा कि यह केन्द्र के गैर भाजपा-शासित राज्यों को ‘किनारे करने के सतत प्रयासों’ को दर्शाता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा 2021-22 का केन्द्रीय बजट पेश किये जाने के कुछ घंटे बाद सिंह की ओर से यह प्रतिक्रिया आई है। पंजाब के मुख्यमंत्री ने दावा किया कि बजट ‘भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की आम आदमी, मध्यम वर्ग और किसानों के प्रति उदासीनता’ को दर्शाता है। सिंह ने पंजाब तथा अन्य उत्तरी राज्यों के प्रति केन्द्र के ‘सौतेले’ व्यवहार की आलोचना करते हुए दावा किया कि बजट को पश्चिम बंगाल और दक्षिण भारतीय राज्यों को ध्यान में रखकर ‘तैयार’ किया गया है, जहां चुनाव आने वाले हैं। इन क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास के लिये विशाल आवंटन किया गया है। सिंह ने दावा किया, ‘बजट हमारे (पंजाब) जैसे गैर-भाजपा शासित राज्यों को किनारे करने के केन्द्र सरकार के सतत प्रयासों और उसकी संघीय-विरोधी मानसिकता को दर्शाता है।’
समूचे उत्तर भारत की ‘उपेक्षा’ : मनप्रीत
पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने केंद्रीय बजट की आलोचना करते हुए सोमवार को कहा कि इसमें कृषि क्षेत्र में फैली अशांति, बेरोजगारी और मध्य वर्ग की समस्याओं का समाधान नहीं किया गया है। बादल ने सिलसिलेवार ट्वीट में दावा किया कि बजट में ‘समूचे उत्तर भारत’ की उपेक्षा की गयी। बादल ने एक ट्वीट में कहा, ‘बजट में कृषि क्षेत्र की अशांति पर कुछ नहीं कहा गया। राजग द्वारा शुरू संकट का समाधान नहीं किया गया। एमएसपी पर भी इसमें कुछ नहीं कहा गया।’ पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हजारों किसान पिछले कई हफ्ते से कृषि कानूनों को वापस लिए जाने और फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानूनी गारंटी दिए जाने की मांग को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं। बादल ने कहा कि बजट में बेरोजगारी पर भी कुछ नहीं कहा गया।