मोगा, 20 जनवरी (निस)
मनुष्य जो कर्म करता है, वह लीला नहीं होती, बल्कि भगवान जो कर्म करता है वह लीला होती है। भगवान की लीलाओं को हमें अपने हृदय में बसाकर उस पर अमल करना ही अपने गुरुदेव को याद रखना है। यह बात जम्मू से पधारे भजन सम्राट स्वामी बुआ दित्ता ने श्री अयोध्या धाम राम मंदिर कोटकपूरा बाईपास में श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कही। इस मौके पर स्वामी बुआ दित्ता ने कहा कि हमें संत सम्मेलनों जैसा माहौल अपने घरों में बनाए रखना चाहिए व प्रतिदिन सुबह व शाम प्रभु का सिमरन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिसके जीवन में प्रेम नहीं होगा, वह भक्ति मार्ग पर नहीं चल सकता। संत समागम हमें प्रभु के प्रति प्रेम की प्रेरणा देते हैं। इस मौके पर श्री राम मंदिर अयोध्या धाम के मुख्य सेवादार राज अरोड़ा ने बताया कि 22 जनवरी को अयोध्या धाम मंदिर में सुबह हवन यज्ञ के साथ सायंकाल 11 हजार दीप प्रज्वलित कर दीपमाला की जाएगी। इस अवसर पर अध्यक्ष राकेश सितारा, महासचिव मनोज अरोड़ा, जसवीर शर्मा सीरा, हरीश धीर, पवन अरोड़ा एवं अन्य उपस्थित थे।