जोगिंद्र सिंह/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 12 फरवरी
पंजाब विश्वविद्यालय में फैकल्टी के खाली पद जल्द ही भरे जायेंगे। रोस्टर तैयार हो गया है जिससे आरक्षण आदि के सभी मसले हल हो गये हैं। यह दावा आज एक विशेष बातचीत में पंजाब विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राज कुमार ने किया। उन्होंने कहा कि पहले विज्ञापित किये गये पदों को फिर से निकाला जायेगा और जैसे ही नई सीनेट और सिंडिकेट आती है वैसे ही प्रोसेस शुरू कर दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि दिसंबर में विभिन्न डीन फैकल्टी की टर्म समाप्त हो गयी है या फिर जहां कहीं भी एचओडी की समस्या है, वहां इसके लिये कैलेंडर में जो भी प्रोवीजन होगा उसी के अनुसार ही कोई फैसला लिया जायेगा, वैसे रजिस्ट्रार इस मसले को देख रहे है। प्रो. कुमार ने अपने कार्यकाल के ढाई साल में इनक्यूबेशन सेंटर खोले जाने, विभिन्न मंचों पर पीयू की रैंकिंग में लगातार सुधार, लगातार दो साल माका ट्राफी जीतना और कई बड़े प्रोजेक्ट लेकर आने को उपलब्धि बताया। सीनेट का गठन कब तक होगा, के सवाल पर कुलपति ने कहा कि वे इस बारे में कुछ नहीं बता सकते क्योंकि मामला कोर्ट में भी है। वैसे तो प्रोसेस शुरू कर दिया गया है और रजिस्ट्रार ने इस बारे में संबंधित राज्यों से पत्र-व्यवहार शुरू कर रखा है। उन्होंने चांसलर की ओर से गवर्नेंस रिफार्म्स को लेकर गठित की उच्च स्तरीय कमेटी बारे कोई भी टिप्पणी करने से मना कर दिया। कुलपति ने सीनेट के गठन होने का समय बताने पर तो टालमटोल किया और कोई ठोस जवाब देने की बजाय हंसकर टाल दिया लेकिन हर बात में ये अवश्य कहा कि कोई भी काम सीनेट-सिंडिकेट की अप्रूवल के बाद ही होगा।
कोई प्रमोशन पेंडिंग नहीं, डेंटल के लिये पॉलिसी बनायी : राज कुमार
प्रो. राजकुमार ने कहा कि पिछले कई सालों से अटकी पड़ी डेंटल कालेज के टीचर्स की प्रमोशन पॉलिसी को सिरे चढ़ा दिया गया है, आज के दिन उनके पास प्रमोशन का एक भी केस लंबित नहीं है, बस सभी केसों पर सीनेट की मुहर बाकी है। पूटा की ओर से उठाये गये 120 टीचर्स की कैस (करिअर एडवांस्मेंट स्कीम) प्रमोशन के केस निपटा दिये गये हैं। इसके अलावा प्रो. कुमार ने एग्जाम सुधार किये गये, कोई भी डीएडीपी का मामले पेंडिंग नहीं है। इतना ही नहीं लड़कियों के लिये 5 करोड़ से बन रहे नये हॉस्टल नंबर-11 का उद्घाटन भी जल्द ही करा दिया जायेगा। पीयू में रजिस्ट्रार, डीन कालेज और कंट्रोलर जैसे अहम पदों पर एडहॉक नियुक्तियों के सवाल पर कुलपति ने कहा कि इसके लिये यूजीसी-एमएचआरडी की सहमति लेनी पड़ती है, जल्द ही इस बारे में भी कदम उठाये जायेंगे। विभिन्न विभागों के मर्जर पर उन्होंने कहा कि नैक का जो मेंडेट है उसे पूरा करना हमारी प्राथमिकता में शामिल है, कुछ इश्यू हैं जैसे स्पेस वगैरह की, उन्हें हल कर लिया जायेगा।