मुख्य अंश
- विजिलेंस ब्यूरो ने साधु सिंह को तड़के 3 बजे पकड़ा
- ओएसडी, मीडिया सलाहकार समेत 3 दिन के रिमांड पर
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अमरेंद्र सरकार में हुआ घोटाला, चन्नी सरकार में डाला गया पर्दा
ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 7 जून
पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने वन विभाग में भ्रष्टाचार के आरोप में मंगलवार को राज्य के पूर्व कैबिनेट मंत्री साधु सिंह धर्मसोत, उनके मीडिया सलाहकार कमलजीत सिंह और ओएसडी चमकौर सिंह को गिरफ्तार कर लिया। तीनों को मोहाली की अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 3 दिन के रिमांड पर भेज दिया गया। इसी केस में नामजद किए गये पूर्व मंत्री संगत सिंह गिलजियां की तलाश की जा रही है। तड़के 3 बजे अमलोह में छापा मारकर गिरफ्तार किये गये धर्मसोत पर खैर के पेड़ों की कटाई के परमिट जारी करने, अधिकारियाें के तबादले और खरीदारी व एनओसी जारी करने आदि में भ्रष्टाचार करने का आरोप है। विजिलेंस ब्यूरो ने यह कार्रवाई उस समय की, जब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पंजाब दौरे पर थे। धर्मसोत ने अदालत के बाहर कहा कि उन्हें झूठा फंसाया गया है, चमकौर सिंह और कमलजीत सिंह से उनका कोई लेना-देना नहीं है।
यह कथित ‘पेड़ घोटाला’ पंजाब की पूर्व कांग्रेस सरकार के दौरान हुआ। अमरेंद्र तथा चन्नी सरकार में धर्मसोत और गिलजियां के पास वन विभाग का जिम्मा था। आरोप है कि जिस घोटाले को अमरेंद्र सरकार के दौरान अंजाम दिया गया, उस पर कार्रवाई करने के बजाय चन्नी सरकार में आगे बढ़ाया गया। विजिलेंस ब्यूरो ने हाल ही में वन विभाग मोहाली के डीएफओ और एक ठेकेदार को गिरफ्तार किया था। अधिकारियों के अनुसार, उन्होंने पूछताछ में बताया कि वन मंत्री रहे साधु सिंह धर्मसोत द्वारा एक पेड़ कटाई के पीछे 500 रुपये लिए जाते थे। इसके अलावा पेड़ लगाने के मामले में भी पैसे लिए जाते थे। यह सब ओएसडी और मीडिया सलाहकार द्वारा मंत्री की सहमति से किया जाता था।
विजिलेंस जांच में सामने आया कि अमरेंद्र सिंह के बाद चरणजीत सिंह चन्नी की सरकार में वन मंत्री बने गिलजियां ने कार्रवाई करने के बजाये पर्दा डालते हुए घोटाले को आगे बढ़ाया। विजिलेंस ने गिलजियां के पीए कुलविंदर सिंह और सचिन को भी नामजद किया है। गिलजियां पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है।
पंजाब विजिलेंस ब्यूरो के चीफ निदेशक वीरेंद्र कुमार ने बताया कि ब्यूरो ने यह कार्रवाई पुख्ता सबूतों के आधार पर की है। इस मामले में और कई गिरफ्तारियां होंगी।
पेड़ों की कटाई, माइनिंग, तबादलों, ट्री-गार्ड से अवैध कमाई
विजिलेंस के अनुसार, साधु सिंह धर्मसोत ने वन मंत्री के तौर पर 3 साल के कार्यकाल के दौरान करोड़ों की रिश्वत ली। आरोप है कि पेड़ों की कटाई पर कमीशन के अलावा अिधकारियों के तबादलों के लिए 2 लाख से 20 लाख रुपये तक रिश्वत ली जाती थी। अवैध माइनिंग, जंगल की जमीन से रास्ते की एनओसी जारी करने के बदले, मोटी रकम ली जाती थी। एेसे ही गिलजियां पर आरोप है कि एक ठेकेदार को उन्होंने सचिन कुमार के जरिये ही ट्री-गार्ड खरीदने के लिए बाध्य किया। एक ट्री-गार्ड की कीमत 2800 रुपये थे, जिसमें कथित तौर पर 800 रुपये प्रति पेड़ गिलजियां का हिस्सा था।
अमरेंद्र ने स्कॉलरशिप घोटाले में दी थी क्लीन चिट
साधु सिंह धर्मसोत के मंत्री रहते हुए दलित विद्यार्थियों को मिलने वाली स्कॉलरशिप में घोटाले का आरोप भी लगा था। कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने उन्हें क्लीन चिट दी थी।