चंडीगढ़, 1 सितंबर (एजेंसी)
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के महासचिव हरीश रावत ने पार्टी की पंजाब इकाई के नेतृत्व को ‘पंज प्यारे’ बताने के लिए बुधवार को माफी मांगी। उन्होंने कहा कि वह एक गुरुद्वारे में झाडू लगाकर अपनी टिप्पणी के लिए प्रायश्चित करेंगे। कांग्रेस की प्रदेश इकाई में चल रहे मनमुटाव के बीच रावत मंगलवार को चंडीगढ़ आए थे और उन्होंने पंजाब कांग्रेस भवन में बैठक के बाद, राज्य के कांग्रेस प्रमुख एवं चार कार्यकारी अध्यक्षों के लिए ‘पंज प्यारे’ शब्द का उपयोग किया था। सिख परंपरा में ‘पंज प्यारे’ संबोधन गुरु के पांच प्यारों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह सिखों के दसवें गुरु गोबिंद सिंह और उनके पांच अनुयायियों से जुड़ा हुआ है, जिन्होंने खालसा पंथ की स्थापना की थी। रावत ने बुधवार को अपने फेसबुक पृष्ठ पर ‘पंज प्यारे’ टिप्पणी के लिए अपनी ‘गलती’ स्वीकार की। रावत ने लिखा, ‘कभी-कभी सम्मान जाहिर करने के लिए आप ऐसे शब्द का इस्तेमाल कर जाते हैं जिन पर आपत्ति उठ सकती है। मैंने भी अपने माननीय अध्यक्ष एवं चार कार्यकारी अध्यक्षों के लिए ‘पंज प्यारे’ शब्द का इस्तेमाल कर गलती की है।’ उन्होंने कहा कि वह देश के इतिहास के छात्र रहे हैं और पंज प्यारों के अग्रणी स्थान की किसी और से तुलना नहीं की जा सकती है। उन्होंने कहा, ‘मुझसे यह गलती हुई है, मैं लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए क्षमा प्रार्थी हूं।’ रावत कांग्रेस के पंजाब मामलों के प्रभारी हैं। उन्होंने कहा कि वह अपने राज्य उत्तराखंड में गुरुद्वारे में सफाई कर अपनी इस गलती का प्रायश्चित करेंगे। उन्होंने कहा कि सिख धर्म और इसकी महान परंपराओं के प्रति उनके मन में हमेशा समर्पण और सम्मान की भावना रही है। शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने रावत की टिप्पणी पर आपत्ति जताई थी और इसके लिए माफी की मांग की थी। शिअद नेता दलजीत सिंह चीमा ने रावत की टिप्पणी के लिए उनकी आलोचना की थी और मांग की थी कि लोगों की भावनाओं को आहत करने के लिए उनके खिलाफ मामला दर्ज करना चाहिए।
मोहाली में भी फूंका पुतला
मोहाली (निस) : मोहाली के फेज-7 में यूथ अकाली दल ने भी प्रदर्शन कर हरीश रावत का पुतला फूंका। यूथ अकाली दल के अध्यक्ष हरमनप्रीत प्रिंस ने कहा कि कांग्रेस की रिवायत हो गई है कि सिखों की भावनाओं को आहत किया जाए। पहले कांग्रेस नेता भावनाओं को आहत करते है और फिर बाद में माफी मांग लेते है।