मोहाली, 4 नवंबर (निस)
1991 में बलवंत सिंह मुल्तानी को अगवा करने और उसकी लाश को खुर्द-बुर्द करने के मामले की सुनवाई चार साल बाद शुरू हुई। जिला अदालत ने पूर्व डीजीपी सुमेध सैनी के वकील और डीएसपी के.आईपी सिंह को उनके खिलाफ दायर की गई चार्जशीट की कॉपी सौंपी है। अब इस मामले में 26 नवंबर को गवाही शुरू होने की उम्मीद है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की ओर से स्टे होने के कारण मोहाली अदालत में इस मामले की सुनवाई शुरू नहीं हो सकी थी।
इस मामले में एसआईटी की ओर से दिसंबर 2020 में सुमेध सैनी के खिलाफ इलाका मजिस्ट्रेट की अदालत में चार्जशीट दाखिल की गई थी। एसआईटी ने करीब 500 पेजों की दायर की चार्जशीट में 47 के करीब गवाह बनाए गए थे। जांच टीम ने पूर्व सब इंस्पेक्टर जगीर सिंह और थानेदार कुलदीप सिंह को वायदा माफी गवाह बनाया है, जबकि पूर्व सब इंस्पेक्टर अनूप सिंह और सब इंस्पेक्टर हर सहाय शर्मा को जांच उपरांत बेगुनाह करार दिया गया है। इस मामले में नामजद पूर्व डीएसपी बलदेव सिंह सैनी और इंस्पेक्टर सतवीर सिंह की पहले ही मौत हो चुकी है। जांच टीम ने पूर्व डीएसपी के.आईपी सिंह को भी नामजद कर लिया था। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की ओर से स्टे होने के कारण मोहाली अदालत में इस मामले की सुनवाई शुरू नहीं हो सकी थी। उधर, उच्च अदालत से सुमेध सैनी को अदालत में पेशी से मिली छूट के कारण वह अदालत में पेश नहीं हुए।
मुल्तानी के बेटे ने जिला पुलिस प्रमुख को दी थी शिकायत
एसआईटी के अनुसार पूर्व आईएएस अधिकारी दर्शन सिंह मुल्तानी के लड़के पलविंदर सिंह मुल्तानी निवासी जालंधर ने जिला पुलिस मुखी को दी शिकायत में बताया था कि उसके भाई बलवंत सिंह मुल्तानी को 11 दिसंबर 1991 की सुबह उस समय के चंडीगढ़ के एसएसपी सुमेध सैनी के निर्देशों पर डीएसपी बलदेव सिंह सैनी व अन्य ने मोहाली के फेज-7 स्थित घर से उठाया था। चंडीगढ़ पुलिस बलवंत सिंह मुल्तानी को उठाकर फेज-10 स्थित हाउसफैड के फ्लैट में ले गयी जहां जसप्रीत इंदरजीत सिंह और मनजीत सिंह को भी उठाया गया।
सभी को दविंदरपाल सिंह भुल्लर की तलाश में बठिंडा ले जाया गया। चंडीगढ़ पुलिस ने बठिंडा के गांव दयालपुरा भाईका में भुल्लर के पिता को उठाया और रास्ते में आते भुल्लर के ससुर को भी कस्टडी में ले लिया। सभी को चंडीगढ़ सीआईए स्टॉफ ले जाया गया। शिकायतकर्ता अनुसार चंडीगढ़ पुलिस ने उस समय उसके भाई बलवंत सिंह मुल्तानी सहित सभी को थर्ड डिग्री टॉर्चर किया। बाद में उसके भाई को सुमेध सैनी पर हुए हमले में गिरफ्तार दिखाया गया और उसको कादिया थाने में फरार दिखाकर एक अलग मामला दर्ज कर दिया। उधर, इस मामले में कई प्राइवेट गवाह भी सामने आए थे, जिनके मुताबिक बलवंत सिंह मुल्तानी को सेक्टर-17 चंडीगढ़ के थाने ले जाया गया, जहां उस पर थर्ड डिग्री टॉर्चर किया गया। इस मामले में वायदा माफ गवाह ने अदालत में दिए बयान में स्पष्ट कहा कि बलवंत सिंह मुल्तानी को कादिया ले जाया ही नहीं गया था।