संगरूर, 4 नवंबर (निस)
किरती किसान यूनियन द्वारा 1984 के सिख दंगों के दोषियों को सजा देने और देश में अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने के खिलाफ प्रदर्शन किया गया। किसान सबसे पहले गांव बहादुरपुर के सलाही पट्टी दरवाजे पर एकत्र हुए और वहां से गांव से लेकर बस तक विरोध प्रदर्शन किया। किसानों ने हिंदुत्व फासीवादी अभियान और 40 साल बाद भी पीड़ितों को न्याय नहीं देने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।कीर्ति किसान यूनियन इकाई के अध्यक्ष सतविंदर सिंह, सचिव धर्मपाल सिंह, यूथ विंग के नेता अध्यक्ष जुग्गी सिंह ने कहा कि 1984 में केंद्र की कांग्रेस सरकार की मिलीभगत से सिखों की हत्या, बेटियों की बेदखली और करोड़ों-अरबों की संपत्ति का विनाश कभी नहीं मिटने वाला कलंक है। उन्होंने कहा कि सिख नरसंहार के इस अभियान में कांग्रेस सहित आरएसएस के कैडर भी शामिल थे। किसान नेता हरदयाल कौर, गुरुमीत कौर ने कहा कि एक अल्पसंख्यक को चुनकर उसके खिलाफ नफरत का माहौल बनाना और फिर बहुसंख्यकों की भावनाओं को वोटों में बदलना, यह इस देश के शासकों द्वारा अपनाई जाने वाली नीति बन गई है। नेताओं ने कहा कि भाजपा देश की सांस्कृतिक विविधता को मिटाकर देश में समान नागरिक संहिता लागू कर देश को एक ही भगवा रंग में रंगना चाहती है।