चंडीगढ़, 18 नवंबर (ट्रिन्यू)
पंजाब स्टूडेंट्स यूनियन (ललकार) ने शहीद करतार सिंह सराभा और उनके छह अन्य साथियों -विष्णु गणेश पिंगले (महाराष्ट्र), बख्शीश सिंह (गिलवाली), सुरैन सिंह छोटा (गिलवाली), सुरैन सिंह वड्डा (गिलवाली), जगत सिंह (सूर सिंह) और हरनाम सिंह (सियालकोट) को समर्पित एक सेमिनार का आयोजन किया। उनके 109वें शहादत दिवस पर पंजाब विश्वविद्यालय में आयोजित इस सेमिनार का विषय था ‘ग़दर आंदोलन और स्वतंत्रता संग्राम में करतार सिंह सराभा की भूमिका।’
मुख्य वक्ता प्रो. चमन लाल ने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन और गदर पार्टी के महत्वपूर्ण योगदान पर चर्चा की। उन्होंने ग़दरवादियों विशेषकर करतार सिंह सराभा के जीवन के बारे में कुछ दुर्लभ जानकारियां साझा कीं। इसके अलावा उन्होंने गदर अखबार के प्रकाशन से लेकर गदर पार्टी के एकीकरण और अंततः भारत को ब्रिटिश शासन से मुक्त कराने के लिए क्रांति की योजना बनाने के बारे में भी बात की। उन्होंने बताया कि गदर पार्टी एक क्रांतिकारी संगठन था जो धर्मनिरपेक्षता और लोकतंत्र की वकालत करता था और ब्रिटिश शासन को उखाड़ फेंकने के बाद भारत में गणतंत्र की स्थापना की बात करता था।
यह ग़दर आंदोलन की विरासत थी जिसने भगत सिंह और उनके साथियों को समाजवादी उद्देश्य के लिए लड़ने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने आंदोलन में सराभा की अपरिहार्य भूमिका और भारत को औपनिवेशिक शासन से मुक्त कराने के प्रति उनके समर्पण पर प्रकाश डाला।