राजीव तनेजा/हप्र, मोहाली,18 सितंबर
Mohali Grenade Attack: मोहाली की खुफिया विभाग के मुख्यालय पर राकेट लांचर से ग्रेनेड हमले मामले की सुनवाई जिला अदालत में हुई। इस मामले में अरोपियों के खिलाफ आरोप तय होने हैं, लेकिन जेलों में बंद अपराधियों को कोर्ट में पेश न किए जाने पर आरोप तय नहीं हो पाए। सुनवाई दौरान अदालत ने फटकार लगाते हुए जेल अथॉरिटी को सभी आरोपियों को 1 अक्टूबर को अदालत में पेश करने के सख्त निर्देश जारी किए हैं।
सुनवाई दौरान अदालत ने कहा कि आरोपी विकास कुमार को जेल अधिकारियों द्वारा मेरे समक्ष पेश नहीं किया गया है। आरोपी तिहाड़ जेल में है। अदालत ने आरोपी के प्रोडक्शन वारंट जारी कर उसे 1 अक्टूबर को शारीरिक रूप से पेश करने के निर्देश जारी किए हैं।
इसी तरह आरोपी निशान सिंह, बलजिंदर सिंह उर्फ रैंबो, चढ़त सिंह, जगदीप सिंह और लवदीप सिंह को जेल अधिकारियों द्वारा अदालत में पेश नहीं किया गया है। उन्हें न्यायालय में शारीरिक रूप से पेश करने के निर्देश के साथ तय तिथि के लिए पेशी वारंट जारी किए हैं।
आरोपी गुरपिंदर सिंह उर्फ पिंदा को भी जेल अधिकारियों द्वारा पेश नहीं किया गया है। रोपड़ जेल को तय तिथि के लिए पेशी वारंट जारी किए गए हैं और उसे भी न्यायालय में शारीरिक रूप से पेश करने को कहा है।
अदालत ने कहा कि आरोपी गुरपिंदर सिंह उर्फ पिंदा को उपचार प्रदान करने के संबंध में जेल अथॉरिटी की ओर से कोई रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है। संबंधित जेल अधीक्षक को पुन निर्देश दिया गया है कि वह उपरोक्त आरोपी को उचित उपचार प्रदान करें और न्यायालय में तय तिथि को अपनी रिपोर्ट दाखिल करें।
अदालत ने कहा कि आरोप तय करने के लिए सभी आरोपियों का अदालत में शारीरिक तौर पर पेश होना जरूरी है। वहीं, आरोपी जगदीप सिंह के जेल स्थानांतरण के लिए आवेदन की ओर से जवाब दाखिल नहीं किया गया है। अदालत ने कहा कि इसे भी तय तिथि पर दाखिल किया जाए। अब मामले की अगली सुनवाई 1 अक्टूबर है। उस दिन सभी आरेापियों के खिलाफ आरोप तय होंगे।
बता, वर्ष 2022 में खुफिया विभाग के मुख्यालय पर ग्रेनेड से हमला हुआ था। आरपीजी (राकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड) इमारत की तीसरी मंजिल पर फायर हुआ, जो खिडक़ी तोडक़र अंदर कुर्सी पर गिर गया था। इस मामले में सोहाना थाने में आईपीसी की धारा 307, 212, 216, 120बी, गैर कानूनी गतिविधियों की धारा 16, 18, 18बी, 19, 20, 23, आम्र्स एक्ट की धारा 25, 54, 59 व विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धारा 3 व 6 के तहत मामला दर्ज किया गया है।