चंडीगढ़, 15 अप्रैल (ट्रिन्यू)
विपक्षी दलों के आरोपों को दरकिनार कर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने स्पष्ट कर दिया है कि सूबे में वे ‘दिल्ली मॉडल’ को लागू करेंगे। अब सरकार ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को नई दिल्ली में स्टडी टूर पर भेजने का निर्णय लिया है। दिल्ली के स्कूलों का अध्ययन करके उसी फार्मूले को पंजाब में लागू किया जाएगा। पिछले दिनों बिजली विभाग के अधिकारियों ने दिल्ली का दौरा किया था। दिल्ली गए अधिकारियों ने आप सुप्रीमो व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ बैठक भी की थी। इस पर विपक्ष काफी हमलावर है। मान ने स्पष्ट कर दिया है कि जिस तरह से दिल्ली सरकार ने वहां के लोगों को अच्छी शिक्षा व चिकित्सा सुविधाएं दी हैं, उसी तर्ज पर पंजाब में भी बदलाव होंगे। इस बार अधिकारियों की टीम का नेतृत्व खुद भगवंत मान करेंगे। सूबे के शिक्षा मंत्री भी उनके साथ रहेंगे।
माना जा रहा है कि बिजली विभाग के अधिकारियों को इसीलिए दिल्ली भेजा था ताकि वहां चल रही मुफ्त बिजली योजना को राज्य में लागू किया जा सके। पंजाब में चुनावों के दौरान आप ने 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली देने का वादा किया था। शनिवार को भगवंत मान इस वादे को लेकर घोषणा भी कर सकते हैं। मान ने गत दिवस साफ किया था कि अधिकारी उनके निर्देश पर ही दिल्ली गए थे। पंजाब शिक्षा विभाग के अधिकारियों का एक शिष्टमंडल 18 अप्रैल को दिल्ली जा रहा है। वहां दिल्ली शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की जाएगी। पंजाब के अधिकारी दिल्ली का दौरा करने के बाद पंजाब के वर्तमान शिक्षा ढांचे को लेकर एक रिपोर्ट सरकार को देंगे। उसके बाद पंजाब के स्कूलों में सुधार किया जाएगा।
पंजाब को भगवान बचाए : बाजवा
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष प्रताप बाजवा ने ट्वीट करके कहा कि यकीन नहीं होता कि पंजाब सरकार ने अधिकारियों को दिल्ली में भेजा। यह सरकार की अधिकारियों पर विश्वसनियता तथा उनकी कार्यक्षमता पर सवाल उठाता है। अगर यह सही है तो पंजाब को भगवान बचाए।
आदर्श स्कूलों का दौरा करे सरकार
अकाली नेता नेता महेशइंदर सिंह ग्रेवाल का कहना है कि यह राज्य के लिए अच्छा होगा यदि मुख्यमंत्री अपने अधिकारियों को पूर्व की बादल सरकार द्वारा स्थापित किए मेरिटोरियस और आदर्श स्कूलों में लेकर जाएं। पंजाब को विदेशी मॉडल लागू करने के बजाय अपनी गुणवत्ता को बढ़ाने की जरूरत है।